सूरजेवाला ने उठाए खट्टर सरकार पर सवाल, बोले- गेहूं खरीद टाल कर किसानों के साथ किया मजाक

3/27/2020 2:40:51 PM

पंचकुलाः कोरोना वायरस के खतरे को रोकने के लिए भारत को 21 दिनों के लिए लॉक डाउन कर दिया गया। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला लगातार सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। आज प्रैस वार्ता में उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक नौकरी पेशा सरकारी और प्राइवेट कर्मचारी के लिए कोई राहत की घोषणा नहीं की। सरकार को चाहिए था कि बैंकों की ईएमआई 30 जून तक टाल दी जाए। इसके अलावा सरकारी कर्मचारी ने जो लोन लिया है उसकी किस्त 30 जून तक क्यों नहीं टाली जा रही। उस पर लगने वाले ब्याज को भी टाला जाना चाहिए।

उन्होंने कहा की गेहूं खरीद को 30 जून तक टाल कर किसानों से खट्टर सरकार धोखा कर रही है। खट्टर का कहना कि किसान फसल काट कर 30 जून तक अपने घर मे रख ले भद्दा मजाक है। ये तुगलकी फरमान जो खट्टर सरकार ने जारी किया है। किसानों के खिलाफ षड्यंत्र है।। सूरजेवाला ने कहा किसान विरोधी भाजपा जजपा सरकार महत्वपूर्ण पहलुओं को नज़र अंदाज़ कर रही है।

खट्टर सरकार से किए ये सवाल

  • किसान एक से 20 अप्रैल के बीच अपनी फसल बेच देता है। ऐसे में किसान 30 जून तक फसल कैसे नही कटेगा। 
  • किसान की खाड़ी फसल नष्ट हो जाएगी फीसदी किसान प्रदेश में 5 एकड़ से कम जमीन के मालिक है। उसे कर्ज भी चुकाना है। घर पर भंडारण नही कर सकता ।
  • सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने 5 किलो अनाज देने का निर्णय लिया है। 1 व्यक्ति एक दिन में तीन जून की रोटी खाए तो लगभग एक दिन में 500 ग्राम अनाज खाता है। ऐसे में उसे 5 किलो की बजाए 10 किलो अनाज या चावल दिया जाना चाहिए ताकि वे अपना पेट पाल सके। 5 सदस्यों के परिवार को 3 किलो दाल दी जाए। यदि सरकार ऐसा नहीं करती तो हालत के हाथों छोड़ने को मजबूर कर रही है
  • सुरजेवाला ने कहा कि डॉक्टरों की बीमा राशि 50 लाख करना स्वागत योग्य है लेकिन वे इस समय बड़े खतरे से लड़ रहे हैं। ऐसे में सरकार को डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टॉफ की सैलरी दोगुनी करनी चाहिए। 
  • सुरजेवाला ने कहा कि चारों तरफ कालाबाजारी हो रही है। मास्क, हैंड सेनिटाइजर, मशाले, दाल, प्याज, आलू, दाल, दूध ऐसी वस्तुएं मिल ही नहीं रही। अगर मिल भी रही है तो चार-चार गुणा दामों पर मिल रही है। लोग अपना घर कैसे चलाए। ये सुनिश्चित करने की जरुरत है कि उन कालाबाजारियों पर कार्रवाई हो ताकि जरूरी चीजें आम लोगों को मिल सके।

Isha