हरियाणा: अब यहां बनेगी कोरोना वायरस की जांच के लिए रैपिड टेस्ट किट, महज 5 मिनट में आएगा रिजल्ट

5/2/2020 7:31:47 PM

बहादुरगढ़(प्रवीण): कोविड-19 यानी कोरोना वायरस की जांच के लिए अब बहादुरगढ़ में भी रैपिड टेस्ट किट बननी शरू हो गई है। बहादुरगढ़ की साइडैक लाइफकेयर को रैपिड एन्टी बॉडी टेस्ट किट बनाने की अनुमति मिल गई है। इस यूनिट में हर रोज एक लाख रैपिड टेस्ट किट बनाने की क्षमता है।  इसके अलावा हरियाणा में मानेसर और फरीदबाद की एक-एक यूनिट को रैपिड टेस्ट किट बनाने की मंजूरी मिली थी।

रैपिड एन्टी बॉडी टेस्ट किट से महज 5 मिनट में ही कोरोना पॉजिटिव या नेगेटिव का जानकारी मिल जाती है। साइडैक लाइफकेयर के एमडी ने हरियाणा सरकार को एक किट 350 रुपए में उपलब्ध करवाने की बात कही है। वहीं झज्जर जिला प्रशाशन के कोरोना योद्धाओं के टेस्ट फ्री में करने की बात भी कही है।

कोरोना वायरस की जांच में तेजी लाने के लिए रैपिड टेस्ट किट की जरूरत बढ़ गई है। चाइना से आई घटिया रैपिड टेस्ट किट वापस हो चुकी है, लेकिन अब सुखद खबर बहादुरगढ़ से आई है। बहादुरगढ़ की साइडैक लाइफकेयर को रैपिड एन्टी बॉडी टेस्ट किट बनाने की मंजूरी मिल गई है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने ये मंजूरी दे दी है। साइडैक लाइफकेयर ने कोविड-19  के लिए रैपिड एन्टी बॉडी टेस्ट किट बनानी भी शुरू कर दी है।

बहादुरगढ़ के आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र में रैपिड टेस्ट किट बनाने का काम शुरू हो चुका है। अगले तीन से 4 दिन में साइडैक लाइफकेयर हर रोज एक लाख रैपिड एन्टी बॉडी टेस्ट किट बनाने की क्षमता हासिल कर लेगी। साइडैक के एमडी अनिल गुगनानी ने हरियाणा सरकार को ये रैपिड टेस्ट किट 350 रुपए में उपलब्ध करवाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि उनके पास टेस्ट किट के आर्डर क्षमता से ज्यादा आया रहे हैं।

रैपिड टेस्ट किट से कोरोना का टेस्ट ठीक वैसे ही किया जा सकता है जैसे कोई शुगर का टेस्ट कर रहा हो। इसके नतीजे महज 5 मिनट में सामने आ जाते हैं। नॉर्मली नाक से स्वैब लेकर कोरोना का टेस्ट हो रहा है, लेकिन रैपिड टेस्ट किट से खून की एक बूंद से ही पता चल जाएगा कि उसके कोरोना पॉजिटिव है या नहीं। रैपिड टेस्ट किट में तीन साइन बने हुए हैं। सी का मतलब कंट्रोल यानी कोरोना नहीं है। जी का मतलब कोरोना का संक्रमण तेज है और एम का मतलब कोरोना का संक्रमण पहले का है और कम प्रभावी है।

रैपिड टेस्ट किट का ये फार्मूला एंटीजन के जरिए एंटीबाॅडी डिटेक्ट करने की थ्योरी पर काम करता है। मतलब ये की अगर कोरोना का किसी पर अटैक हुआ है तो किसी वायरस अटैक के बाद हमारा शरीर अपने आप एन्टी बॉडी बनाने लगता है और इसके के जरिए रैपिड टेस्ट किट से कोरोना का पता चल सकेगा।

अनिल गुगनानी का कहना है कि उनकी यूनिट की क्षमता हर रोज 1 लाख किट बनाने की है। एक दिन पहले ही उन्हें किट बनाने की मंजूरी मिली है। हरियाणा में उनके अलावा फरीदबाद और मानेसर की यूनिट को ये किट बनाने की मंजूरी मिली हुई है। उन्होंने झज्जर जिला प्रसाशन को अपनी तरफ से पुलिस, स्वास्थ्यकर्मी और कोरोना के खिलाफ मैदान में जुटे सहायक कर्मियों के टेस्ट फ्री में करने का आफर भी दिया है। उन्हाेंने कहा मास लेवल पर कोरोना टेस्ट करने के लिए ये टेस्ट किट बेहद प्रभावसाली है और इसके नतीजे भी ऑथेंटिक है। क्योंकि लैब में पूरी जांच के बाद ही इस मार्केट में उतारा जा रहा है।

रैपिड टेस्ट किट बनाने के लिए रॉ मैटेरियल का इंतेजाम यूरोप के देशों से किया गया है, लेकिन भविष्य में कंपनी भारत में ही रॉ मैटेरियल बनाने का काम भी करने लगेगी। फिलहाल कई प्रदेश सरकारों ने रैपिड टेस्ट किट के आर्डर दिए हुए है और बहादुरगढ़ की ये कंपनी रैपिड टेस्ट किट का एक्सपोर्ट भी करती है। 

Edited By

vinod kumar