हरियाणा पुलिस सोती रही और मासूम के साथ अत्याचार करते रहे रईसजादे

2/6/2018 7:39:21 PM

यमुनानगर(सुमित ओबरॉय): हरियाणा में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों की किताब में एक और काला पन्ना जुड़ गया हैं। यहां दो वक्त की रोटी कमाने के लिए झारखंड से दिल्ली पहुंची एक युवती को मानव तस्कर गिरोह ने हरियाणा में बेच दिया। 16 महीनों तक इस मासूम को यमुनानगर के एक रईसजादे की कोठी में गुलामों की तरह बंधक बनाकर रखा गया। जबरन दिन-रात जानवरों की तरह काम लिया गया। इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ जब किसी तरह युवती ने फोन पर झारखंड में अपने परिजनों से मदद की गुहार लगाई। उसके बाद झारखंड पुलिस ने चंडीगढ़ के अधिकारियों को इस बारे अवगत करवाया। जिसके बाद राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम ने इस बंधक युवती को मुक्त करवाया। आयोग के सदस्य ने सरकारी सिस्टम पर सवालियां निशान खड़े करते हुए कहा, कि अगर अधिकारी इमानदारी से काम करते तो आज ऐसे हालात नहीं बनते।

हरियाणा राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम किसी खास मकसद से यमुनानगर के पॉश इलाकें में स्थित इस आलीशान कोठी में दबिश देने पहुंची। आयोग को झारखंड पुलिस ने सूचना दी कि इस कोठी में एक बच्ची को बंधक बनाकर रखा गया है। आयोग को यहां बच्ची की बजाय 22 वर्षीय मरांडी नामक एक युवती मिली। मरांडी ने बताया कि उसे ही यहां करीब 16 महीनों से गुलामों की तरह बंधक बनाकर रखा गया हैं। जिसके बाद आयोग के सदस्य परमजीत सिंह बडोला ने यमुनानगर प्रशासन को फोन पर इसकी सूचना देनी चाही। वह एसडीएम को फोन मिलाते रहें लेकिन एसडीएम ने ना तो उनकी कॉल ली और ना ही कॉल बैक की। इसके बाद बडोला ने मनोहर प्रशासन पर ही सवालियां निशान खड़े कर दिए। वह बोले कि यही कारण है कि आज कानून व्यवस्था का बुरा हाल हो रहा है। अधिकारी ना तो अपनी जिम्मेवारी समझ रहें हैं और ना ही इमानदारी से इसे निभा रहें हैं।

दरअसल मरांडी 16 माह पहले अपने सात भाई-बहनों की रोटी का इंतजाम करने के लिए झारखंड से दिल्ली पहुंची थी। उसे उसी के गांव का अनिल अच्छी नौकरी दिलाने का झांसा देकर अपने साथ दिल्ली ले आया था। दिल्ली आते ही अनिल ने उसे हरियाणा में बेच दिया। मरांडी ने आयोग को बताया कि तब से लेकर अब तक उसे यमुनानगर हुडडा सेक्टर-17 की कोठी नंबर 1194 में कैद करके रखा गया हैं। वह किसी को मदद के लिए ना बुला ले इस लिए कोठी मालिक रविन्द्र ओबराय ने पहले दिन ही इसका मोबाइल फोन भी छीन लिया था। आयोग ने बताया कि मरांडी द्वारा जिस अनिल का जिक्र किया गया वह पहले से ही आयोग के रिडार पर है। बडोला की माने तो वह मरांडी जैसी 4 और लड़कियों को झारखंड से तस्करी कर बेच चुका है।