हरियाणा पुलिस के 2 ए.एस.आई. दोषी करार, सजा का ऐलान आज

2/15/2019 11:08:43 AM

चंडीगढ़(संदीप): धोखाधड़ी केस को रफा-दफा करने के बदले में रिश्वत मांगने के केस में जिला अदालत ने हरियाणा पुलिस के ए.एस.आई. जगदीश राम और जतिंद्र कुमार को दोषी करार दिया है। शुक्रवार को दोषियों को सजा सुनाई जाएगी। वर्ष 2013 में विजीलैंस ने दोषियों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया था। विजीलैंस ने जगदीश राम को 14 मई, 2013 को 1 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा था। इससे पहले शिकायतकत्र्ता उन्हें 5 लाख रुपए दे चुका था। जगदीश ने खुलासा किया था कि उसने कैथल सी.आई.ए. के ए.एस.आई. जतिंद्र कुमार और वहां के एक इंस्पैक्टर के कहने पर रिश्वत मांगी थी।

 गौरतलब है कि  मौलीजांगरा निवासी गुरमीत सिंह ने विजीलैंस में शिकायत दी थी कि हरियाणा सी.एम. निवास की सिक्योरिटी में तैनात ए.एस.आई. जगदीश राम, कैथल सी.आई.ए. के ए.एस.आई. जङ्क्षतद्र कुमार और एक इंस्पैक्टर उसके खिलाफ कैथल में दर्ज धोखाधड़ी के केस को रफा-दफा करने के लिए उससे 13 लाख की रिश्वत की मांग कर रहे हैं। इससे पहले भी वह उन्हें 5 लाख रुपए दे चुका है। 14 मई, 2013 को 2 बजे वह उन्हें रिश्वत के 1 लाख रुपए देने जाएगा। विजीलैंस की टीम ने सैक्टर-10 लेजर वैली के समीप ट्रैप लगाकर जगदीश राम को रिश्वत के 1 लाख रुपए लेते रंगेहाथ दबोच लिया। जांच के आधार पर ही विजीलैंस ने अन्य की गिरफ्तारी की थी। 

दोस्त ने ही करवाया था शिकायतकत्र्ता पर धोखाधड़ी का केस
शिकायतकत्र्ता गुरमीत सिंह टैक्सी सॢवस का काम करता था। उसने मनीमाजरा एन.ए.सी. में अपने एक साथी गुरप्यार सिंह के साथ दफ्तर खोला हुआ था। गुरप्यार इमिग्रेशन का काम करता था। कुछ समय बाद गुरप्यार लोगों के पैसे ठग कर वहां से फरार हो गया था। धोखाधड़ी का शिकार हुए लोग जब दफ्तर में पैसे लेने के लिए आए तो गुरमीत ने उन्हें बताया कि पैसे इमिग्रेशन के काम करने वाले गुरप्यार ने ठगे हैं। उसने कैथल में गुरप्यार के घर का पता उन लोगों को दे दिया। जब लोग गुरप्यार के घर पहुंचे तो गुरप्यार ने कैथल में गुरमीत सिंह के खिलाफ पैसों की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज करवाया था। केस की जांच का जिम्मा कैथल सी.आई.ए. को दिया गया।
 

Deepak Paul