बिछुडो को परिजनों से मिलाने के लिए हरियाणा पुलिस की नेक मुहिम, 12 हजार परिवारों में लौटी मुस्कान

12/30/2022 9:31:18 PM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा पुलिस ने साल 2022 में 12616 लापता/गुमशुदा बच्चों और वयस्कों को खोजकर उनके परिवारों के बीच खोई हुई मुस्कान वापस लाने में सफलता हासिल की है। पुलिस ने जिन्हें ढूंढने में कामयाबी हासिल की है। उनमें 4839 पुरुष और 7777 महिलाएं शामिल हैं, जो लंबे समय से किसी न किसी कारण से लापता थे।

 

इस संबंध में जानकारी देते हुए हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार अग्रवाल ने बताया कि हरियाणा पुलिस गुमशुदा व्यक्तियों का पता लगाकर उन्हें फिर से परिजनों से मिलाने के लिए लगातार सक्रिय प्रयास कर रही है। कर्तव्य से आगे बढ़कर अपनी ड्यूटी को बखूबी निभाते हुए हमारी पुलिस टीमों ने यह उपलब्धि हासिल की है। साथ ही पुलिस द्वारा इस वर्ष 886 बाल भिखारियों और 1372 बाल श्रमिकों का पता लगाकर उन्हें रेस्क्यू किया गया है। ये बच्चे अपनी आजीविका के लिए छोटे-मोटे काम करते हुए पाए गए थे।

 

जनवरी से दिसंबर 2022 के बीच बरामद हुए बच्चों व वयस्कों में से 11424 को पुलिस की फील्ड इकाइयों द्वारा ट्रेस किया गया तथा 1192 को स्टेट क्राइम ब्रांच की एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) द्वारा गहरी दिलचस्पी और समर्पण के साथ चलाए गए अभियान के तहत तलाशा गया। ओपी सिंह अतिरिक्त डीजीपी, राज्य अपराध शाखा, हरियाणा ने बताया कि राज्य अपराध शाखा के तहत एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) ने भी 18 साल से अधिक उम्र के 664 व्यक्तियों का पता लगाया, जिनमें से 54 प्रतिशत महिलाएं थीं। 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों में बालिकाओं का प्रतिशत 43 था। एएचटीयू ने 886 बाल भिखारियों और 1331 बाल श्रमिकों को भी बचाया।

 

डीजीपी अग्रवाल ने नागरिकों से किसी के भी लापता होने के बारे में पुलिस को सूचित करने की अपील करते हुए कहा कि हमारा पुलिस बल लापता व्यक्तियों का पता लगाने और उन्हें सुरक्षित घर लाने के लिए पूर्ण समर्पण भाव के  साथ प्रतिबद्ध है। हम जनता को याद दिलाना चाहते हैं कि यदि आपका कोई परिचित लापता है, तो कृपया निकटतम पुलिस स्टेशन से संपर्क करने में संकोच न करें या आपातकालीन नंबर 112 पर कॉल करें। हम यहां मदद के लिए हैं और लापता लोगों को घर लाने के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे।

 

इस नेक कार्य के लिए पुलिस बल की सराहना करते हुए डीजीपी ने कहा कि इस अवसर पर अपने समर्पित पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए धन्यवाद देता हूं। उनके अथक प्रयासों ने कई परिवारों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। डीजीपी ने आगे कहा कि हम आने वाले वर्ष और उसके बाद भी लापता व्यक्तियों का पता लगाने के अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए तत्पर हैं।

 

हरियाणा पुलिस द्वारा बड़ी संख्या में लापता व्यक्तियों व बच्चों को ढंूढकर फिर से मिलाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि हमारी पुलिस टीमें लापता बच्चों/व्यक्तियों की तलाश के लिए आश्रय गृहों जैसे संस्थानों के अलावा बस स्टैंड, रेलवे स्टेशनों और विभिन्न धार्मिक स्थलों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर भी जाती हैं। ये अभियान ज्यादातर बाल कल्याण समिति व अन्य संबंधित विभागों के सहयोग से चलाए जाते हैं।

 

डीजीपी ने नागरिकों से लापता बच्चों को तलाशने संबंधी गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने का भी आग्रह करते हुए कि सोशल मीडिया जैसे माध्यम दुनिया भर में गुमशुदा व्यक्तियों को खोजने में वास्तव में एक शक्तिशाली टूल हो सकते हैं। लापता व्यक्तियों का विवरण देने वाले ऐसे पोस्टरों की तस्वीर को क्लिक करने और प्रसारित करने में हमें कुछ ही सेकंड लगेंगे। हमारा ऐसा एक संदेश किसी गुमशुदा को उसके परिजनों से मिलाने में अहम योगदान दे सकता है।

 

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Content Writer

Gourav Chouhan