हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पानीपत के 34 उद्योगों की रिपोर्ट 2020 में एनजीटी को सौंपेगा

11/25/2019 1:35:26 PM

पानीपत(अनुज): हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अब जिले में जो उद्योग सर्वाधिक प्रदूषित श्रेणी में आते हैं उनका हर 3 माह में निरीक्षण करेगा और उसकी रिपोर्ट केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड को सौंपेगा। वहीं रेड कैटेगरी में आने वाले उद्योगों का हर 6 माह में एक बार, औरेंज कैटेगरी में आने वाले उद्योगों का एक साल में एक बार और ग्रीन कैटेगरी में आने वाले उद्योगों को डेढ़ साल में एक बार निरीक्षण करेगा। इसके अलावा सी.ई.टी.पी. का भी बोर्ड 3 माह में एक बार निरीक्षण करेगा। ताकि बढ़ते प्रदूषण पर अंकुश लगाया जा सके। एन.जी.टी. ने बिना एन.ओ.सी. के भू-जल निकालने वालों से हर्जाना वसूलने व उन पर कड़ी कार्रवाई के लिए भी निर्देश जारी किए हैं।

एन.जी.टी. ने कहा कि पिछले साल दिसम्बर माह में सी.पी.सी.बी. की टीमों ने 55 उद्योगों का निरीक्षण किया था। जिनमें से 31 उद्योग नियमों के खिलाफ चल रहे थे। ये पर्यावरण को प्रदूषित करने के दोषी पाए गए थे। इसके अलावा 54 और उद्योगों का जायजा लिया गया था। इन सबकी रिपोर्ट हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(एच.एस.पी.सी.बी.) को फरवरी 2020 तक उन्हें सौंपनी होगी। औद्योगिक इकाइयों को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 4 कैटेगरी में बांटा है। रैड, ओरेंज, ग्रीन व व्हाइट।

रैड कैटेगरी के अंतर्गत वो औद्योगिक इकाइयां आती हैं। जो वायु, जल व ध्वनि प्रदूषण करती है। इनको पर्यावरण के लिए सबसे अधिक नुक्सानदायक माना गया है। जो इन उद्योगों से कम प्रदूषण करती है वो ओरेंज कैटेगरी में आती है। ग्रीन कैटेगरी में वो इकाइयां आती हैं। जो पर्यावरण को खास प्रभावित नहीं करती। जबकि व्हाइट कैटेगरी में वो औद्योगिक इकाइयां आती हैं, जो पर्यावरण को बिल्कुल भी प्रभावित नहीं करती। पानीपत में रैड कैटेगरी के अंतर्गत 350, आरेंज कैटेगरी में 222, ग्रीन कैटेगरी में 25 औद्योगिक इकाइयां आती हैं। वहीं व्हाइट कैटेगरी में जिले की कोई इकाई रजिस्टर्ड नहीं है।

एन.जी.टी. रैड  व ओरेंज कैटेगरी को ठोक चुका है जुर्माना 
एन.जी.टी. ने पानीपत में लगातार बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए पानीपत के रैड कैटेगरी में आने वाले 350 और ऑरेंज कैटेगरी में आने वाले 222 उद्योगों पर जुर्माना ठोक चुका है। इन दोनों कैटेगरी के बड़े उद्योगों को 1 करोड़ रुपए, मध्यम को 50 लाख छोटे उद्योगों को 25 लाख रुपए एन.जी.टी. में जुर्माने के तौर पर जमा करवाने होंगे।  
2 साल में 110 उद्योगों को बंद करने के हुए हैं निर्देश
नैशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एन.जी.टी.) की रिपोर्ट में देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों पानीपत 11वें नंबर पर रहा। दो साल में 110 बड़े उद्योगों को बंद करने व 160 से अधिक को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है। बिना अनुमति के भू-जल का दोहन करने वाले 48 उद्योगों को भी हाल में क्लोजर नोटिस जारी किया गया है। शहर स्वच्छता में देश में जहां 164वें स्थान पर है।

Edited By

vinod kumar