हरियाणा ने तैयार की नई कपड़ा नीति, कैबिनेट बैठक में लगी मोहर

2/28/2018 12:27:29 PM

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा सरकार ने प्रदेश को कपड़ा विनिर्माण का ग्लोबल हब बनाने और इसे एक पसंदीदा निवेश गंतव्य स्थल के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से, प्रदेश में नई इकाइयों की स्थापना के लिए प्रोत्साहन देने और मौजूदा कपड़ा उद्योग का विकास और आधुनिकीकरण सुनिश्चित करने के लिए एक नई कपड़ा नीति तैयार की है।यह जानकारी उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री विपुल गोयल ने यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के उपरांत दी।

उन्होंने बताया कि इस नीति में वित्तीय प्रोत्साहन दिए गए हैं तथा बुनियादी ढांचे में संवर्धन, टेक्सटाइल पार्कों की स्थापना, खादी उद्योग के लिए अंत:क्षेप (इंटरवैंशन) और कौशल प्रशिक्षण के लिए सुविधाओं का प्रावधान शामिल है। इसका लक्ष्य कपड़ा क्षेत्र में 5000 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित करके इस क्षेत्र में 50,000 नए रोजगार सृजित करना है। यह नीति हरियाणा की कॉटन बैल्ट को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। राज्य मुख्य कपास उत्पादक जिलों सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी, हिसार और जींद के साथ देश में अग्रणी कपास उत्पादकों में से है।

गोयल ने बताया कि इस नीति में ए और बी श्रेणी के खंडों में टेक्सटाइल पार्कों में अलग से कपड़ा इकाइयों की स्थापना के लिए 10 प्रतिशत की पूंजी निवेश सबसिडी का प्रस्ताव है, परंतु यह पात्र पूंजी निवेश के लिए अधिकतम 20 लाख रुपए होगी। हरियाणा में महिला उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए इस नीति में 15 प्रतिशत पूंजी सबसिडी का प्रस्ताव है जोकि अधिकतम 25 लाख रुपए होगी। इसका लक्ष्य नीति अवधि के दौरान 20 प्रतिशत की कम्पाऊंड वार्षिक वृद्धि दर (सी.ए.जी.आर.) द्वारा कपड़ा निर्यात को बढ़ावा देना है।

उन्होंने बताया कि पिछड़े क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देने के लिए इस नीति में सी और डी श्रेणी के खंडों में टेक्सटाइल पार्कों के अंदर और यहां तक कि बाहर भी, अलग से कपड़ा इकाइयों की स्थापना को सहायता का प्रस्ताव है। इस नीति में सहायक इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से पात्र पूंजीगत निवेश पर 25 प्रतिशत की दर से सबसिडी का भी प्रस्ताव है जो कि अधिकतम 50 करोड़ रुपए होगी।

गोयल ने बताया कि कपड़ा मशीन विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए इस नीति में प्रदेशभर में कपड़ा मशीनरी निर्माताओं को सकल एफ.सी.आई. के 15 प्रतिशत की दर से पूंजीगत सबसिडी और सावधि ऋण पर ऋणदाता एजेंसियों द्वारा वसूले गए ब्याज पर 3 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज सबसिडी देने का भी प्रस्ताव है।