हरियाणा : फरीदाबाद जिले में बारिश ने बढ़ाई ठिठुरन, जगह-2 हुआ जलभराव

1/4/2021 11:36:55 AM

फरीदाबाद (सूरजमल) : रविवार को हुई बारिश ने जिले के तापमान को गिरा दिया और सर्दी की ठिठुरन को और बढ़ा दिया। पूरे दिन रूकरूक कर बरसात होती रही और सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए। लोग ठंड से बेहाल दिखे। बरसात और ठंडी हवाओं के
कारण लोग पूरा दिन अपने घरों में ही दुबके रहे। रविवार को अधिकतम तापमान 18 डिग्रीं सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सिय दर्ज किया गया। सुबह से ही हुई बारिश ने सर्दी को भी बढ़ा दिया।

वहाँ जलभराव के कारण लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। शहर में अनेक जगहों पर पानी भर गया जिसके कारण लोगों को आने और जाने में भारी दिक्कत उठानी पड़ी। दिन भर बादल रूक रूक कर बरसते रहे और सूर्य देव के दर्शन नहीं हुए। ठंड से बचाव के लिए लोगों ने अलाव का सहारा लिया। ठंड की बजह से मूंगफली, गजक, चाट, पकौड़े, चाय एवं चिकन सूप की दुकानों पर भो भीड़ रही। सर्दी के कारण लोग अपने घरों में दुबके रहे और जो अपने कार्यों से बाहर गए वह भी अपने को पूरी तरह सर्दी से बचाते हुए देखे गए। सुबह इस मौसम में सबसे अधिक ठंडक महसूस की गई। वहाँ किसानों ने बताया कि यह बारिश किसानों के लिए उनकी फसलों के लिए रामबाण साबित होगी। इससे ठंड बढ़ेगी जो गेहूं की फसल के लिए सोने पर सुहागे का काम करेगी।

दो दिन और हो सकती है बारिश
मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों तक कई जगहों पर हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। हल्की बूंदाबांदी और बारिश की संभावना है। दो दिनों की बारिश के बाद धरती के तापमान में कमी आएगी। इसके बाद आने वाले तीन दिनों बाद धुंध बढ़ेगी। इसके साथ ही सर्द हबाएं भी प्रदेश में ठिठुरन भरी सर्दी बढ़ाने का काम करेगी । तथा आने वाले 24 घंटे में बरसात की संभावना है। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि इस मौसम में हल्की बारिश से किसानों को काफी फायदा होने वाला है। इस मौसम में बारिश से गेंहू और सरसों की फसलों को काफी लाभ पहुंचेगा।

प्रदूषण की मात्रा में आई कमी, वायु ग्रुणवत्ता सुधरी
बारिश की वजह से लगातार बढ़ रही प्रदूषण की मात्रा में कमी दर्ज की गई। केद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की साइट पर सुबह से शाम तक पीएम 2.5 की औसत मात्रा महज 150 दर्ज की गई। इससे शहरवासियों ने राहत की सांस ली। बोर्ड के अधिकारियों का मानना है कि अब पीएम 2.5 की मात्रा अधिक नहीं बढ़ सकेगी क्योंकि जो धूल कण हवा में घूम रहे थे, अब वह जमीन पर आ गए हैं। पेडों के ऊपर जमी धूल भी नीचे गिर गई है। इसलिए वातावरण पूरी तरह से साफ हो गया है। सबसे अधिक राहत दमा के मरीजों को मिली है।

Manisha rana