बॉलीवुड, सियासत और खेलों में दिख रहा हरियाणा का दबदबा, देश-विदेश में खुशबू बिखेर रहे यहां की माटी के पुष्प

10/31/2023 7:05:31 PM

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : राजनीतिक तौर पर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान रखने वाले छोटे से राज्य हरियाणा ने जहां सियासी मामलों में अपनी धमक छोड़ी है वहीं बॉलीवुड और खेलों में भी हमारे राज्य का खूब जलवा है। बात जूही चावला की करें या मल्लिका सहरावत की, चर्चा रणदीप हुड्डा की हो या ओम पुरी की। परिणीति चोपड़ा का जिक्र हो या फिर सोनू निगम, राजकुमार राव का या जयदीप अहलावत का। मानुषी छिल्लर, सतीश कौशिक, यशपाल शर्मा, मोहित अहलावत, यश टोंक, सुनील ग्रोवर, सपना चौधरी या गजेंद्र वर्मा सब के सब हरियाणा की माटी के पुष्प हैं। रागनी में पं. लखमीचंद 8 शास्त्रीय संगीत में पं. जसराज का नाम कौन भुला सकता है।

दो प्रतिशत आबादी, 25 फीसदी खेलों में हिस्सा

इतना ही नहीं हरियाणा की माटी ने ही नवाब पटौदी पैदा किए और कपिल देव जैसे क्रिकेटर भी। प्रदेश में कुश्ती, मुक्केबाजी, हॉकी व कबड्डी के बाद अब निशानेबाजी, टेनिस, एथलेटिक्स के खिलाड़ियों की पौध तैयार हो रही है। देश की कुल आबादी में हरियाणा की हिस्सेदारी महज दो फीसदी है। टोक्यो ओलंपिक में हरियाणा के 31 खिलाडिय़ों ने हिस्सा लिया। यह देश से टोक्यो पहुंचने वाले कुल खिलाडिय़ों का 25 फीसदी हिस्सा है।  

सर्वाधिक मेडल यहीं से

हरियाणा के तीन खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण, रवि दहिया ने रजत व बजरंग पूनिया ने कांस्य पदक हासिल किया। हॉकी के कांस्य में भी हरियाणा की हिस्सेदारी है। इस तरह टोक्यो ओलंपिक में भारत की झोली में आए कुल पदक में 50 फीसदी हरियाणा के खिलाडिय़ों ने जीता। हरियाणा में खिलाडिय़ों के लिए सुविधाएं काफी अच्छी हैं और यही कारण है कि यहां सबसे ज्यादा खिलाड़ी तैयार होते हैं। कॉमनवेल्थ, एशियन व ओलंपिक गेम में हरियाणा के सर्वाधिक मेडल होते हैं। कभी प्रदेश की बहू कर्णम मल्लेश्वरी ने ओलंपिक में मेडल प्राप्त कर हरियाणा का नाम रोशन किया था। यह सरकार की खेल नीति का असर है। हरियाणा के पहलवानों, मुक्केबाजों व अन्य मैदान के खिलाडिय़ों ने हमेशा प्रदेश की धाक देश के स्तर पर मजबूत की है। हरियाणा वह प्रदेश है जहां के किसानों ने देश के खाद्यान्न भंडारों को भरने का काम किया वहीं यहां के जवानों ने देश की रक्षार्थ सर्वाधिक बलिदान दिए।

राजनीति में हरियाणा का स्थान

हरियाणा की राजनीति देश को अनेक बार प्रभावित कर चुकी है। हरियाणा के सिरसा जिले के गांव चौटाला में पैदा हुए चौ. देवीलाल को आज जननायक कहा जाता है। वे देश के उप प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। इसी तरह हरियाणा में जन्मी सुषमा स्वराज देश की विदेश मंत्री और दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। चौ. बंसीलाल देश के रेल व रक्षामंत्री पद पर आसीन हुए तो चौ. भजनलाल केंद्रीय कृषि मंत्री रहे हैं। अहीरवाल क्षेत्र से राव इंद्रजीत केंद्र में रक्षा राज्यमंत्री रहे, वहीं कृष्ण पाल गुर्जर केंद्रीय मंत्री रहे। हरियाणा से ही ताल्लुक रखने वाली कुमारी सैलजा केंद्र में कई बार मंत्री रहीं और कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व छत्तीसगढ़ प्रभारी बनी। हरियाणा के ही अशोक तंवर युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे व एनएसयूआई के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर सुशोभित हुए। हरियाणा के ही सांसद रहे रतन लाल कटारिया केंद्र में मंत्री रहे। बॉलीवुड के उम्दा नायक रहे सुनील दत्त का संबंध भी हरियाणा से रहा। वे केंद्रीय खेल मंत्री के पद पर आसीन हुए। बहुत बार ऐसे अवसर आए जब हरियाणा ने राजनीति को दिशा एवं दशा देने का काम किया। एक बार फिर लोकसभा चुनावों में हरियाणा की राजनीतिक नर्सरी से परिवर्तन की कोई बयार बह जाए तो अचंभा नहीं होना चाहिए।

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Content Editor

Mohammad Kumail