संसद में गूंज सकता है हरियाणा का दवा खरीद घोटाला

7/11/2018 12:33:27 PM

चंडीगढ़(बंसल): लोकसभा में हरियाणा का कथित दवाई घोटाला गूंज सकता है क्योकि इनैलो सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि वह आगामी सत्र में इस घोटाले को जोर-शोर से उठाएंगे। दुष्यंत ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि हरियाणा स्वास्थ्य विभाग में हुई दवाइयों और उपकरणों के खरीद का कैग से ऑडिट करवाए और इस घोटाले की सी.बी.आई. जांच भी हो। 

उन्होंने इस खरीद घोटाले में मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री की साठ-गांठ होने का भी आरोप लगाया। प्रदेश कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में दुष्यंत ने स्वास्थ्य मंत्री विज के प्रदेश में लगभग 40 करोड़ खरीद का जवाब भी दिया। सांसद ने कहा कि यह घोटाला मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री की नाक के नीचे हुआ है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 3 वर्षों के दौरान नैशनल हैल्थ मिशन के तहत दवाई खरीद और अन्य उपकरणों की खरीद के लिए 21 जिलों में 808 करोड़ रुपए की खरीद की गई है। 

इतना ही नहीं दुष्यंत ने हिसार जांच कमेटी की उस रिपोर्ट का पोस्टमार्टम किया जिसमें जांच कमेटी में कहा गया था कि हिसार में कोई भी ड्रग हिसार के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अनधिकृत कम्पनी से नहीं खरीदे गए। उन्होंने वह दवाई भी सैंपल के तौर पर दिखाई और स्वास्थ्य विभाग के बिल भी दिखाए जिसमें यह दवाई डैंटल विभाग द्वारा बिना लाइसैंस वाली कम्पनी जी.के. ट्रेडिंग व रिद्धि-सिद्धी से खरीदे गए। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने उसी दावे पर अडिग है कि स्वास्थ्य विभाग में 100 से 300 करोड़ का दवाई और उपकरण खरीद घोटाला हुआ है।

सांसद ने जांच कमेटी द्वारा फर्जी बताई गई कंपनियों के बिल, टैंडर व चैंक की लिखाई की करवाई गई फोरैसिंक जांच भी दिखाई। जांच कमेटी ने कृष्णा इंटरप्राइजिस को दवा विक्रेता कम्पनी माना था। फॉरैंसिक जांच के दौरान हैंड राइटिंग एक्सपर्ट ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कृष्णा एंटरप्राइजिज और जी.के. ट्रेडिग कम्पनी के बिल, टैंडर एक ही व्यक्ति कनिष्क द्वारा तैयार किए गए हैं जोकि हरियाणा फार्मेसी काऊंसिल के चेयरमैन सोहनलाल कंसल का बेटा कनिष्क है। 

यानी कि ये कंपनियां भी कनिष्क द्वारा संचालित की जा रही थीं। जी.के. कम्पनी से हिसार के स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन स्टोर ने डेढ़ वर्ष के दौरान 55 लाख रुपए से अधिक राशि की दवाइयां व उपकरण खरीदे गए हैं। सांसद ने कहा कि अकेले हिसार में लगभग 5.5 करोड़ की खरीद हुई है और जिन कम्पनियों से यह खरीद हुई है। उनमें जी.के., कृष्णा इंटरप्राइजिस और सालासर नाम की कम्पनी है। 

सरकार ने केवल खानापूर्ति के लिए एक कमेटी का गठन किया था जिसने हिसार में खरीद घोटाले में शामिल सालासर और जीके कंपनियों से खरीद तो दूर की बात उन कंपनियों के होने की बात भी नहीं स्वीकारी। वहीं रेवाड़ी में कमेटी की जांच के बाद की गई मामला दर्ज करने की सिफारिश के बाद भी सरकार ने शगुन ट्रेडिंग कंपनी के खिलाफ एफ.आइ.आर. की अनुमति नहीं दी गई।

Rakhi Yadav