लोकतंत्र के महापर्व में धराशायी हुए हरियाणा के दिग्गज

10/23/2019 11:56:31 AM

करनाल (शर्मा): हरियाणा के करीब 2 करोड़ मतदाताओं ने चुनाव में भाग न लेकर राजनीति के दिग्गजों की उम्मीदों पर न केवल पानी फेर दिया बल्कि उन्हें चुनाव परिणाम से पहले ही धराशायी कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि हरियाणा में अपनी पार्टी के स्टार प्रचारक बनकर पूरे प्रदेश में प्रचार की कमान संभालने वाले सभी दलों के नेता अपने विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं को वोट डालने के लिए प्रेरित नहीं कर सके जिसके चलते वर्ष 2014 में हुए मतदान के मुकाबले सोमवार को हुए मतदान में सभी दिग्गज नेताओं के विधानसभा क्षेत्रों के वोट प्रतिशत में गिरावट आई है।

हरियाणा की राजनीति के दिग्गजों की अगर बात की जाए तो निवर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के विधानसभा क्षेत्र करनाल में वोट प्रतिशत में सबसे अधिक 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इनैलो नेता अभय चौटाला के विधानसभा क्षेत्र में भी इस बार कम मतदान हुआ है। ऐलनाबाद में वर्ष 2014 के दौरान जहां 89.30 प्रतिशत वोटिंग हुई थी वहीं इस बार यह कम होकर 83 प्रतिशत पर रह गई है। हरियाणा में पिछले 5 वर्षों के दौरान मीडिया तथा सोशल मीडिया पर सबसे अधिक सक्रिय रहने वाले मनोहर के मंत्री अनिल विज भले ही किसी भी मुद्दे पर लंबे-चौड़े बयान देने में माहिर हों लेकिन वह भी अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों को संविधान में मिले वोट के अधिकार के प्रति जागरूक नहीं कर पाए। 
लिहाजा अम्बाला छावनी में भी इस बार 10 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है।

मनोहर सरकार की एकमात्र महिला मंत्री रही कविता जैन की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है। कविता जैन मंत्री थीं तो पूर्व सरकार में उनके पति राजीव जैन मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार थे। पूरे प्रदेश में प्रचार का जिम्मा संभालने वाले राजीव जैन अपने ही विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं के समक्ष वोट डालने का प्रचार नहीं कर पाए। लिहाजा सोनीपत विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014 में हुए चुनाव के दौरान जहां 68.71 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया वहीं इस बार यह कम होकर 64 प्रतिशत पर रह गया।

हरियाणा की राजनीति में अहम स्थान रखने वाले नेताओं के गृह क्षेत्रों में मतदान में आई गिरावट को बेहद ङ्क्षचताजनक मानते हुए हरियाणा के राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि लोकतंत्र में यह बेहद खतरनाक संकेत है कि लोग मतदान के दिन वोट डालने की बजाय उस दिन मिलने वाली छुट्टी को एंज्वाय करना पसंद करते हैं। इसके पीछे बड़ा कारण नेता भी हैं क्योंकि मतदाता किसी न किसी दृष्टिकोण से नेता को अपना मार्गदर्शक मानता है। नेताओं द्वारा चुनाव प्रचार तो किया जाता है लेकिन मतदाताओं को इस बात के लिए प्रेरित नहीं किया जाता कि वह वोट डालने के लिए घरों से बाहर निकलें। परिणाम सबके सामने हैं। अब समय आ गया है जब चुनाव आयोग को ऑनलाइन वोटिंग के विकल्पों पर भी तेजी से सोचना होगा।

 

विधानसभा क्षेत्र       नेता का नाम                 2014 की वोटिंग      2019 की वोटिंग
करनाल                     मनोहर लाल                67.84                            52.29 
ऐलनाबाद                   अभय चौटाला              89.30                           83.00
आदमपुर                    कुलदीप बिश्नोई             78.28                           75.70
नारनौंद                      कैप्टन अभिमन्यु          83.18                           77.75 
तोशाम                       किरण चौधरी               81.39                           70.00
बादली                       ओ.पी. धनखड़                70.87                          69.70
महेंद्रगढ़                    रामबिलास शर्मा             80.96                           74.40
कैथल                        रणदीप सुर्जेवाला          83.71                          77.79
अंबाला कैंट                 अनिल विज                  72.63                          62.00
सोनीपत                     कविता जैन                  68.71                          64.00
टोहाना                       सुभाष बराला               85.22                          80.56

Isha