ऑक्सीजन की कमी के चलते हरियाणा के हालात बेकाबू : दीपेंद्र हुड्डा

4/26/2021 8:36:08 AM

चंडीगढ़ : राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में बैड और ऑक्सीजन दवाइयों की घोर कमी और व्यापक कालाबाजारी सरकार की विफलता का प्रतीक है। उन्होंने ऑक्सीजन कमी को लेकर बेकाबू हुए हालात पर कहा कि ऑक्सीजन की कमी के कारण रेवाड़ी के एक अस्पताल में 4 मरीजों के दम तोडऩे की दर्दनाक खबर आई। इनकी जान बचाई जा सकती थी। दीपेंद्र ने कहा कि लगातार संकट को लेकर चेता रहे थे लेकिन सरकार ने लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि रविवार सुबह से उत्तम क्लीनिक कलानौर, जीवन ज्योति अस्पताल बहादुरगढ़, विराट अस्पताल रेवाड़ी, कथूरिया अस्पताल, गुरुग्राम व आर्टेमिस गुरुग्राम सहित कई अस्पतालों से ऑक्सीजन खत्म होने की सूचनाएं आ रही हैं। जिलों में आवश्यकता से काफी कम ऑक्सीजन दी जा रही है।

उन्होंने बताया कि झज्जर में 8 एम.टी. ऑक्सीजन मिलनी चाहिए लेकिन केवल 5 एम.टी. मिल रही है। इसी प्रकार सोनीपत में 15 एम.टी. की बजाय केवल 8 एम.टी. ऑक्सीजन पहुंची। गंभीर मरीजों को, खासकर एन.सी.आर. के शहरों में, अस्पतालों में कहीं बैड नहीं मिल पा रहे हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार तुरंत इस कमी को दूर करवाए। दीपेंद्र ने मुख्यमंत्री द्वारा ऑक्सीजन कोटा 80 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 120 मीट्रिक टन करने की मांग का पूर्ण समर्थन करते हुए भारत सरकार से मांग की कि प्रदेश की कोटा बढ़ाने की मांग को तुरंत पूरा करवाए।

उन्होंने कहा कि दवाइयों का कोटा जो हर जिले को दिया जा रहा है वह काफी कम है। इसके चलते जमकर कालाबाजारी और मुनाफाखोरी हो रही है। हालात इतने भयावह हैं कि गंभीर हालत में मरीज को रेमडेसिविर चाहिए तो 30,000 से 70,000 रुपए तक कीमत चुकानी पड़ रही है। कई गंभीर मरीजों की जान जोखिम में पड़ गई है। मौजूदा स्थिति यह है कि सरकार हर मोर्चे पर फेल हो रही है। आम जनता का विश्वास खत्म होता जा रहा है। सरकार चुप्पी साधकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ती दिखाई दे रही है।

दीपेंद्र ने सीधा सवाल किया कि हरियाणा देश की राजधानी से 3 तरफ से लगा हुआ है। ऐसे में कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए क्या सरकार ने कोई योजना बनाई? क्या सरकार ने ऐसी कोई एकीकृत व्यवस्था बनाई जिसकी सहायता से पीड़ित व्यक्ति संकट के समय हॉस्पिटल बैड, वैंटीलेटर, ऑक्सीजन, जीवन रक्षक दवाइयां आदि आसानी से हासिल कर सके या उनकी मदद हो सके? क्या इसके लिए कोई वॉर रूम तैयार किया गया? हर रोज कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अस्पतालों में ऑक्सीजन संकट के हालात पैदा हो रहे हैं। इससे भी ज्यादा शर्मनाक बात ये है कि सांस लेने के लिए हवा भी ब्लैक में मिल रही है। लोगों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।

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Content Writer

Manisha rana