पंजाब केसरी इम्पैक्ट: हरियाणा की स्टाफ नर्स का पदनाम बदलकर हुआ नर्सिंग ऑफिसर
9/16/2021 3:52:35 PM
चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा सरकार के गृह, स्वास्थ्य एवं शहरी निकाय मंत्री अनिल विज जहां अपने विभागों के लापरवाह और काम से मन चुराने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ समय-समय पर अपनी सख्ती का डंडा चलाते रहते हैं, वहीं वह अपने कर्मचारियों की जायज मांगो को भी दूसरे मंत्रियों से कहीं जल्द मानते भी हैं। इसके साथ वह अच्छा काम करने वाले अधिकारियों की पीठ भी समय-समय पर थपथपाते रहते हैं।
लंबे समय से नर्सिंग एसोसिएशन द्वारा पदनाम बदलने की मांग को अनिल विज ने तुरंत प्रभाव से मानने के आदेश अधिकारियों को दिए थे। विभाग द्वारा आदेशों पर अमल करते हुए स्वास्थ्य विभाग की स्टाफ नर्सिस को नर्सिंग ऑफिसर का दर्जा दे दिया है। जिसे लेकर बुधवार को हरियाणा स्टाफ नर्सेज एसोसिएशन की प्रदेश सचिव सुदेश चौधरी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य एवं शहरी निकाय मंत्री अनिल विज से मिला और उनका धन्यवाद किया। इस मौके पर अनिल विज ने प्रतिनिधिमंडल को इसका लेटर भी सौंपा है।
एसोसिएशन की प्रदेश सचिव सुरेश चौधरी ने बताया कि काफी लंबे समय से स्टाफ नर्स के पदनाम को लेकर बदलने की यूनियन की मांग थी। लेकिन उनकी मांग पहले किसी मंत्री द्वारा ज्यादा गंभीरता से नहीं ली गई। जिसे लेकर वह मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मिली थी और बताया था कि दिल्ली समेत कई प्रदेशों में स्टाफ नर्स को नर्सिंग ऑफिसर का दर्जा प्राप्त लंबे समय से है। पड़ोसी राज्य राजस्थान ने भी अपने प्रदेश के स्टाफ नर्स को इस सम्मान से नवाजा है। उसी तर्ज पर प्रदेश के स्टाफ नर्स इसको भी यह दर्जा दिया जाए।
जिसे लेकर तुरंत प्रभाव से अनिल विज ने स्टाफ नर्स को नर्सिंग ऑफिसर का पदनाम देने की वकालत करते हुए वित्त विभाग के एडीशनल चीफ सेक्रेट्री टीवीएसएन प्रसाद से फोन पर इस बारे बात की और कहा कि उनके कार्यालय में फाइल है और पदनाम बदलने से सरकार पर कोई भी अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ता तो फिर इनकी मांग क्यों न मान ली जाए। जिसे लेकर विभाग ने गंभीरता दिखाते हुए हरियाणा की स्टाफ नर्स को यह दर्जा देने की प्रक्रिया पूरी कर दी है। अब प्रदेश की स्टाफ नर्स नर्सिंग ऑफिसर कहलाएंगी। जिसे लेकर प्रतिनिधिमंडल अनिल विज का धन्यवाद करने पहुंचा था। प्रदेश के फार्मासिस्ट पहले ही फार्मासिस्ट ऑफिसर का पद नाम का दर्जा प्राप्त कर चुके है।
बता दें कि ईएसआई की नर्सों की भी यह मांग काफी पुरानी है। जोकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पहले कार्यकाल के दौरान यह विभाग नायब सिंह सैनी के पास था और अब प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और राज्य मंत्री अनूप धानक के पास है।लेकिन उनकी यह मांगे आज तक पूरी नहीं हो पाई है। स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ नर्सों का ग्रेड पे 40900 रुपए है। जो कि 2 जनवरी 2019 से लागू है। जबकि ईएसआई में यह 35400 रुपए है। वित्त विभाग ने इसे बढ़ाने के आदेश भी 2 जनवरी 2019 को जारी किए थे। जो कि उसी समय से लागू होने चाहिए थे। लेकिन आज तक इन्हें लागू नहीं किया गया है। अब ढाई साल के बाद 9 अगस्त 2021 से यह लागू किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के मंत्री अनिल विज के इस फैसले से प्रदेश कि स्टाफ नर्स इसे अपने बड़े सम्मान के रूप में देख रही हैं और इनमें काफी खुशी की लहर है।
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