रूसी हमले के बीच यूक्रेन में कैसे जान बचा रहे हरियाणा के छात्र, पढ़िए आंखों देखा हाल

2/25/2022 9:15:04 AM

डेस्क : यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ते तनाव को लेकर यूक्रेन में रह रहे भारतीय नागरिकों और छात्रों में स्वदेश लौटने की होड़ लगी हुई है। यहां जाने कि किस तरह रूसी हमले के बीच यूक्रेन में हरियाणा के छात्र कैसे अपनी जान बचा रहे है। उनकी आंखों देखा हाल यहां पढ़िए। 

झज्जर : गोलाबारी के बीच जान की चिंता गांव लडायन की बेटी सोनम यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए 2021 में गई थी। अब गोलाबारी के बीच जान की चिंता है। फ्लाइट बंद होने से फंस गई है। यूक्रेन में सुरक्षा को लेकर सभी चिंतित हैं। लाइट का संकट हुआ तो संपर्क भी टूट जाएगा। भारत सरकार जल्द हमारी मदद करे।

हिसार : स्टूडेंट चिराग ने बताया कि सबसे पहला धमका सुबह 4:30 बजे सुनाई दिया। पब्लिक डरी हुई है। लोग खाने का सामान स्टॉक कर रहे हैं, जिनके दाम बढ़ गए हैं। हॉस्टल बंद करा दिया है। यूनिवर्सिटी ने कहा कि बैग पैक कर लें। जैसे ही रास्ते खुलते हैं। कहीं और शिफ्ट किया जा सकता है।

दादरी : एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले महेश जांगड़ा ने बताया कि राशन के लिए बजारों में भीड़ है। सामान खरीदने के लिए 2 घंटे लाइन खड़ा रहना पड़ रहा है। लोग डरे हुए हैं। ज्यादातर लोग घरों में दुबके हैं। भारतीय एंबेसी ने अपने कागजात के साथ तैयार रहने के लिए कहा है।

सोनीपत : रिया ने वीडियो कॉल पर बताया कि उन्हें बंकरों में रखा जा रहा है। खाने के सामान की परेशानी है। भारत सरकार हमें निकालने में मदद करे। यूक्रेन में अब भारतीय एटीएम कार्ड भी काम नहीं कर रहे हैं, जिस कारण वे कैश नहीं निकल रहे। इससे परेशानी और बढ़ गई है।

जींद : छात्र सोनू ने बताया कि हालात काफी खराब हैं। वे राजधानी कीव में हैं। जहां वह रह रहे हैं, वहां से दो-तीन किलोमीटर दूर गोलीबारी जारी है। डर का माहोल बना है। रात से फ्लाइट बंद कर दी। ट्रेन भी बंद कर दी है। हम यहां पर 7 लड़के हैं और सभी हरियाणा के रहने वाले हैं।

कुरुक्षेत्र : एजेंटों के कारण 2 माह से फंसे गुलशन कुमार ने बताया कि वह झोलाछाप एजेंट के कारण यूक्रेन में फंस गया है। हमें पोलैंड जाना था, लेकिन एजेंट ने यूक्रेन भेज दिया। हमसे उन्होंने 16 लाख रुपए लिए थे। उन्हें बोला गया था कि एक सप्ताह यूक्रेन में रहना होगा अब दो माह से यहां फंसे हुए हैं।

गुड़गांव : यूक्रेन में गावं मौहम्मदपुर-शेदपुर के 23 वर्षीय सागर खैरवाल ने बताया कि यूक्रेन में हालात तनावपूर्ण हो चुके हैं। छात्रों में दशहत है। भारतीय सरकार को अपने नागरिकों को निकालने के लिए जल्द एक्शन लेना चाहिए। यहां फंसे सभी छात्र मदद का इंतजार कर रहे हैं।

सिरसा : गांव हांडीखेड़ा के मोहित सिहाग ने बताया कि वे कीव में है। यहाँ अब चिंता हो रही है। हम सब हॉस्टल में से बंद हैं। मात्र 15 किलोमीटर दूर धमाके हो। रहे हैं। इसलिए डर बढ़ता जा रहा है। बाजार बंद हो गए हैं। सबको घरों में ही रहने के आदेश हैं। सभी आश्वासन दे रहे हैं।

कैथल : कैथल की इनायत मोर ने बताया कि हमारे एक किलोमीटर के दायरे में धमाके हुए।  मैं और बाकी स्टूडेंट्स रोजाना की तरह अपने-अपने फ्लैट में सो रहे थे। सुबह 4 बजे के करीब हुए धमाके से मेरी अचानक नींद खुल गई। धमाका करीब एक किलोमीटर के दायरे में ही हुआ। इसके बाद से लगातार धमाकों की आवाजें आ रही हैं, जिनसे रूह कांप रही है। हम सब यहां बहुत डरे हुए हैं। यह धमाके हमारे फ्लैट से कुछ दूरी पर ही हो रहे हैं। मेरी 26 फरवरी की फ्लाइट थी और टिकट भी बुक हो चुकी थी, लेकिन सभी फ्लाइट हमलों के बाद कैंसिल कर दी गई हैं। अब फ्लैट मालिक ने सायरन बजने पर पास में ही स्थित मैट्रो स्टेशन पर बने बंकर पर शरण लेने के लिए कहा है। इससे वे और घबरा गई है। मैंने कुछ लीटर पानी और सूखा राशन जमा कर लिया है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। राशन के लिए कतारें लगी हैं। हमारे एटीएम कार्ड खो गए हैं। सभी लोग बंकरों में छिपने को मजबूर हैं। इंटरनेट कनेक्टिविटी भी न के बराबर है। परिजनों से बातचीत हो रही है, उन्हें भी चिंता सता रही है। यहाँ से निकलने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा। यहाँ हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं। मेरे पिता बलजीत मोर हौसला दे रहे हैं, लेकिन भारत सरकार को तुरंत छात्रों की मदद करनी चाहिए।

कैथल : यूक्रेन में हॉस्टल में रह रहे कलायत के छात्र अभय ने बताया कि धमाके के बाद से ही वे बेसमेंट हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत पीने के पानी की है। बाहर जाने पर स्टोरों पर भीड़ लगी है। हमले के साथ खाने-पीने चिंता भी सता रही है। हरियाणा के काफी छात्र सड़कों पर भी फंसे हैं।

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Content Writer

Manisha rana