हरियाणा सरकार इस पशु की खरीद पर देगी 30 हजार रूपये सब्सिडी, CM सैनी ने की घोषणा
punjabkesari.in Monday, May 26, 2025 - 09:11 PM (IST)

कुरुक्षेत्र (चंद्र शेख धरणी) : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसलों में रासायनिक खादों और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग करने से बचें। उन्होंने कहा कि हमारी आने वाली पीढ़ी सशक्त और मजबूत हो, इसके लिए हमें प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ना होगा। किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे न केवल मिट्टी की उर्वरा बनी रहती है, बल्कि पर्यावरण और स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने हेतु हरियाणा सरकार किसानों को एक देसी गाय की खरीद पर 30 हजार रुपये तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है, जिससे वे गो-आधारित जैविक विधियों को अपनाकर टिकाऊ कृषि की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे।
मुख्यमंत्री सोमवार को जिला कुरुक्षेत्र के गांव बिहोली में राजकीय पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक के उद्घाटन करने उपरांत उपस्थितजन को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने गांव के विकास कार्यों के लिए 21 लाख रुपये देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 4 करोड़ 67 लाख रुपये की लागत से बना यह पॉलीक्लिनिक आसपास के क्षेत्र के पशुओं को विशेष पशुचिकित्सा सेवाएं प्रदान करेगा। इस पॉलीक्लिनिक में पैथोलॉजी, पैरासिटोलॉजी, गायनोकोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, सर्जरी, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे जैसी सेवाओं के साथ-साथ इनडोर एवं आउटडोर इकाइयाँ भी उपलब्ध रहेगी। साथ ही, यह संस्थान विशेषज्ञ पशु चिकित्सा अधिकारियों, तकनीशियनों और सहायक स्टाफ से सुसज्जित होगा, जिससे यह एक आदर्श पशु चिकित्सा केन्द्र के रूप में स्थापित होगा। वर्तमान समय में पशुपालन क्षेत्र में आ रही चुनौतियों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दुधारू पशुओं की कीमत हजारों में नहीं, लाखों में है। भूमिहीन और छोटे किसानों के लिए इतना महंगा पशु खरीदना मुश्किल होता है। यदि वह खरीद भी लेता है तो उसे पशु के स्वास्थ्य की चिंता रहती है। इन हालातों में पशु चिकित्सा संस्थानों का महत्व बहुत बढ़ गया है।
उन्होंने कहा कि इस समय पूरे राज्य में 6 राजकीय पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक चल रहे हैं। ये सिरसा, जींद, रोहतक, भिवानी, सोनीपत और रेवाड़ी में स्थित हैं। अब कुरुक्षेत्र का यह पॉलीक्लिनिक 7वां केन्द्र बन गया है। उन्होंने कहा कि जिला कुरुक्षेत्र में इस समय 49 राजकीय पशु चिकित्सालय एवं 72 राजकीय पशु औषधालय चल रहे हैं। इनमें पशु चिकित्सकों के 51 पदों में से 47 पद तथा वी.एल.डी.ए के 130 में से 119 पद भरे हुए हैं।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य सरकार लगातार गौवंश के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य कर रही है। पिछले 10 वर्षों में राज्य में लगभग 650 गौशालाएं खोली गई हैं। वर्ष 2014 से पहले गौशालाओं के लिए सरकार का बजट मात्र 2 करोड़ रुपये था, जबकि आज वर्तमान सरकार ने इस बजट को बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये से अधिक किया है ताकि कोई भी गौवंश बेसहारा न रहे।
दुग्ध उत्पादन में हरियाणा अग्रणी: सीएम सैनी
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें प्रदेश के किसानों और पशुपालकों पर गर्व है, जिनकी कड़ी मेहनत से हरियाणा को पशुपालन में विशेष पहचान मिली है। हालांकि, राज्य में देश के दुधारू पशुओं का मात्र 2.1 प्रतिशत हिस्सा है, फिर भी हम देश के कुल दूध उत्पादन का 5.11 प्रतिशत योगदान करते हैं। वर्ष 2023-24 में हरियाणा ने 1 करोड़ 22 लाख 20 हजार टन दूध का उत्पादन किया था। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हमारे प्रगतिशील पशुपालक इसमें लगातार बढोतरी करते जाएंगे। हमारी प्रति व्यक्ति प्रतिदिन दूध उपलब्धता भी राष्ट्रीय औसत से 2.34 गुणा है। राष्ट्रीय औसत 471 ग्राम है, जबकि हरियाणा की 1105 ग्राम है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य नस्ल सुधार करके और अधिक दूध का उत्पादन करना है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के तहत सामान्य दुध उत्पादकों को 5 रुपये प्रति लीटर तथा गरीब परिवारों के दूध उत्पादकों को 10 रुपये प्रति लीटर की दर से सब्सिडी दी जाती है। इतना ही नहीं, सहकारी दुग्ध उत्पादक समितियों के दुग्ध उत्पादकों के 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले दसवीं के बच्चों को 2,100 रुपये व बारहवीं कक्षा के लिए 5,100 रुपये की छात्रवृत्ति दी जाती है। सहकारी दुग्ध उत्पादक समितियों के दुग्ध उत्पादकों का 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा करवाया जाता है। अब तक कुल 78 बीमा दावों के लिए 4 करोड़ 40 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि राज्य के पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना' के अन्तर्गत बड़े पशु की दूध उत्पादन क्षमता अनुसार 100 रुपये से 300 रुपये तथा छोटे पशु जैसे-भेड़, बकरी व सूअर इत्यादि का केवल 25 रुपये प्रति पशु के अनुसार प्रीमियम पर बीमा किया गया है। राज्य के अनुसूचित जाति के लाभार्थियों के पशुओं का बीमा मुफ्त किया जाता है। इस योजना के तहत वर्ष 2014 से अब तक 15.90 लाख पशुओं का बीमा किया जा चुका है। इस अवधि में 97 करोड़ 40 लाख रुपये के कुल 24,576 बीमा दावों का निपटान किया गया। इस योजना में पंजीकृत दुधारू पशु की मृत्यु होने पर एक लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में डेयरी स्थापित करने पर लाभार्थियों को 20 से 50 दुधारू पशुओं की इकाई की खरीद हेतु लिये गये बैंक ऋण पर ब्याज अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, 2, 4 तथा 10 दुधारू पशुओं की डेयरी इकाइयां स्थापित करने पर 25 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इसके अलावा, राज्य में देसी गायों के उत्थान हेतु हरयाना, साहीवाल और बेलाही नस्ल की अधिक दूध देने वाली गायों के पालकों को 5,000 रुपये से लेकर 20,000 रुपये तक का प्रोत्साहन दिया जाता है। इस योजना के तहत अक्तूबर, 2014 से अब तक 16,921 पशुपालक लाभान्वित हुये।
लाडवा में कांग्रेस की तुलना में वर्तमान सरकार के समय हुए ढाई गुना ज्यादा विकास कार्य
लाडवा विधानसभा क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2024 से अब तक इस क्षेत्र में लगभग 110 करोड़ रुपये के विकास कार्य हुए हैं, कुछ पूरे हो गए हैं और कुछ प्रक्रियाधीन है। इसके अलावा, पिछले 10 वर्षों में वर्तमान सरकार ने लाडवा विधानसभा क्षेत्र में 794 करोड़ रुपये के विकास के कार्य करवाए हैं। जबकि कांग्रेस के शासनकाल में इस क्षेत्र में मात्र 310 करोड़ रुपये के विकास कार्य हुए हैं। जनता जानती है कि किस प्रकार उस समय भ्रष्टाचार होता था।, परंतु हमारी सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से न केवल लाडवा, बल्कि हर विधानसभा क्षेत्र में समान रूप से विकास कार्य करवाए हैं।
उन्होंने कहा कि हर घर गृहिणी योजना के तहत प्रदेश में 17 लाख महिलाओं को 500 रुपये में गैस का सिलेंडर उपलब्ध करवाया जा रहा है। लाडवा क्षेत्र में 9240 परिवारों को 500 रुपये में गैस सिलेंडर मिल रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इस क्षेत्र में 364 मकान बनाए गए हैं और 249 मकानों निर्माणाधीन हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार विकास को लेकर अब दोगुना नहीं, बल्कि तीन गुणा गति से काम कर रही है। सरकार ने अपने संकल्प पत्र में किए गए संकल्पों में से 22 संकल्पों को पूरा कर दिया है और 90 संकल्प इसी वर्ष पूरे होंगे।
प्राकृतिक खेती और पशु चिकित्सा का विस्तार: कृषि मंत्री
इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने पॉलीक्लिनिक का उद्घाटन करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस पॉलीक्लिनिक से यहां पशुओं को और बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी।
उन्होंने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, और हरियाणा राज्य भी इसी परंपरा का हिस्सा है। राज्य सरकार न केवल पारंपरिक खेती को बढ़ावा दे रही है, बल्कि किसानों की आय में वृद्धि हेतु पशुपालन, बागवानी तथा मछली पालन जैसे वैकल्पिक क्षेत्रों को भी सशक्त रूप से प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि हरित क्रांति के दौरान देश में अन्न उत्पादन बढ़ाने के लिए रासायनिक खादों और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग किया गया, जिससे समय के साथ मानव स्वास्थ्य, पशुधन और भूमि की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। इससे मिट्टी की उर्वरता भी क्षीण हो गई। ऐसे समय में यह आवश्यक हो गया है कि हम प्राकृतिक खेती की ओर पुनः लौटें।
श्याम सिंह राणा ने बताया कि गुरुकुल परिसर में लगभग 180 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती की जा रही है, जो एक प्रेरणादायक मॉडल है। किसानों को इस मॉडल से सीख लेकर प्राकृतिक कृषि को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से न केवल पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक अन्न का उत्पादन होगा, बल्कि इससे भूमि की उपजाऊ शक्ति में सुधार होगा और भूजल स्तर के पुनर्भरण में भी मदद मिलेगी।