हरियाणा-यू.पी. सीमा विवादसीमा पर सोनीपत की जमीन में लगेंगे 160 पिलर

1/10/2020 10:59:21 AM

सोनीपत (ब्यूरो): एक बार फिर हरियाणा-यू.पी. सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में सार्थक कदम उठाने शुरू किए गए हैं। सीमांकन के बाद अधिकतर पिलर उखड़े मिले थे या फिर मिले ही नहीं थे। ऐसे में अब नए सिरे से पिलर लगाने का काम किया जाएगा।  सर्वेक्षण के बाद यह तय हुआ है कि सीमा पर सोनीपत क्षेत्र की जमीन के लिए 160 पिलर लगाए जाएंगे, जबकि बागपत की दिशा में भी 250 से ज्यादा पिलर लगाए जाने हैं।

बता दें कि जिले के 17 गांवों की 1500 एकड़ से ज्यादा जमीन को लेकर यू.पी. के बागपत जिले के किसानों संग विवाद चल रहा है। इस विवाद को खत्म करने के लिए 1974-75 में दीक्षित अवार्ड के तहत पहले भी सोनीपत व बागपत की सीमा निर्धारित करके पिलर लगाए गए थे लेकिन अब सीामांकन कराने पर अधिकतर पिलर गायब मिले और सोनीपत में एक दर्जन पिलर मिले तो यू.पी. के बागपत में लगभग आधा दर्जन पिलर ही मिल सके थे। यह पिलर लगाए जाते है तो हरियाणा-यू.पी. सीमा विवाद खत्म होने की कुछ उम्मीद है।

समय के साथ बढ़ता गया विवाद, खूनी संघर्ष भी हुए
हरियाणा व यू.पी. के बीच यमुना है और इससे ही दोनों प्रदेशों का सीमांकन होता है। यमुना की धार हर बार बरसात में बदल जाती है और इस कारण ही हरियाणा की जमीन यू.पी. की ओर जाने पर वहां के किसान उस पर कब्जा कर लेते है। उस जमीन को लेकर ही काफी समय से विवाद चल रहा है और यह विवाद 1970 से पहले से चल रहा है। इस विवाद के बढऩे पर केंद्र सरकार ने तत्कालीन कृषि मंत्री उमाशंकर दीक्षित की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया और दीक्षित अवार्ड के तहत दोनों प्रदेश की जमीन पर पिलर लगवाए गए।

यह अवार्ड 1974-75 में किया गया और उस समय यमुना की धार को आधार मानकर सीमांकन कर दिया गया था। उस समय तय हुआ था कि यू.पी. के किसानों की जमीन हरियाणा की ओर है तो उसपर हरियाणा के किसान काबिज होंगे और हरियाणा के किसानों की जमीन यू.पी. की ओर है तो उसपर यू.पी. के किसान काबिज होंगे। उस पर कब्जा दिलवाने की कार्रवाई प्रशासन को करनी थी लेकिन उसपर कब्जा नहीं दिलवाया गया और यह विवाद लगातार बढ़ता गया था। इस विवाद को लेकर कई बार खूनी संघर्ष तक हुआ है और इसमें काफ ी मुकद्दमे भी दर्ज हो चुके हैं। इसके बावजूद अभी तक यह विवाद नहीं सुलझा है।

निरीक्षण के दौरान 50 में से दर्जनभर पिलर ही मिले थे
हरियाणा-यू.पी. सीमा विवाद को सुलझाने के लिए ही नवंबर 19 में यू.पी. के बागपत जिले में सोनीपत, पानीपत, बागपत व शामली के अधिकारियों की मीटिंग हुई थी। जहां फैसला लिया गया था कि सोनीपत व बागपत की जमीन का सीमांकन किया जाएगा जिसके लिए दोनों जगह के अधिकारी मौजूद रहेंगे। यह सीमांकन 25 नवंबर से 2 दिसंबर तक चला था जिसमें यू.पी. के बागपत जिले के अधिकारी व सोनीपत के विवादित जमीन वाले गांवों से संबंधित पटवारी यमुना खादर में सीमांकन के काम में लगे रहे थे। सोनीपत में पहले लगाए गए लगभग 50 पिलर में केवल एक दर्जन ही मिल सके तो बागपत में आधा दर्जन पिलर मिले थे। जिसकी पूरी रिपोर्ट तैयार की गई थी। 

Isha