हरियाणा उर्दू अकादमी को 4 साल बाद मिला डायरेक्टर, अब सम्मानित होंगे साहित्यकार

3/27/2018 10:58:33 AM

चंडीगढ़(ब्यूरो): लगभग चार साल के बाद हरियाणा उर्दू अकादमी साहित्यकारों को सम्मानित करने जा रही है। साहित्य संगम की बैठक में फैसले अनुसार उर्दू लेखकों, अनुवादकों व भाषा के उत्थान के लिए काम करने वाले 80 लोगों को अवार्ड दिए जाएंगे। यही नहीं फख्र-ए-हरियाणा और हाली अवार्ड की धनराशि भी बढ़ा दी है। अकादमी के अनुसार अप्रैल में आवेदन मांगे जाएंगे और दो माह के भीतर समारोह आयोजित होगा, जिस पर 54 लाख खर्च किए जाएंगे। अकादमी के डायरेक्टर नरेंद्र कुमार उपमन्यू का कहना है कि स्थापना के 32 साल पूरे होने के मौके पर उर्दू साहित्य व जुबान के साथ जुड़े लोगों को सम्मानित किया जाएगा। कई उर्दू की किताबों का देवनागरी में अनुवाद किया जा रहा है।

अकादमी के उद्देश्य: उर्दू साहित्य व अदब को बढ़ावा देना, इसकी शिक्षा व लिपि को विकसित करना, उर्दू व हिंदी मिश्रित भाषा में राज्य का इतिहास लिखना, उर्दू के कलमकारों की साहित्यिक सेवाओं को उजागर करना, उर्दू में हरियाणा के सूफी संतों के प्रवचनों व उपदेशों का संरक्षण करना, हरियाणा के साहित्यकार जिन्होंने हरियाणा व उर्दू अकादमी का दुनिया में नाम रोशन किया है उनको पुरस्कृत करना।

उर्दू जुबान ला रही है समाज की सोच में बदलाव
डायरेक्टर नरेंद्र कुमार उपमन्यू का कहना है कि अकादमी न सिर्फ उर्दू भाषा को प्रोमोट कर रही है बल्कि युवा समाज की सोच में भी बदलाव भी ला रही है। अकादमी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए भी काम कर रही है। सैमीनार और सम्मेलनों के जरिए लोगों की मानसिकता में बदलाव लाया जा रहा है। यही कारण है कि पंच व सरपंच बनने की जिम्मेदारी पढ़े-लिखे युवाओं को मिलने लगी है। पहली दफा है कि जब अविवाहित व पढ़ी-लिखी लड़की को सरपंच बनाया गया है। उर्दू के सर्टीफिकेट कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन की संख्या भी 600 तक पहुंच गई है।

सीख लूंगा उर्दू जुबान...
बेशक उर्दू भाषा पढऩा लिखना नहीं जानता परंतु इसकी मिठास के महत्व का अंदाजा है। जल्द उर्दू जुबान सीख लूंगा। इस पद के लिए उर्दू जुबान को जानना जरूरी नहीं है। उर्दू जुबान से जुड़ा नियम अध्यक्ष के लिए अनिवार्य है और वह उर्दू की भाषा में निपुण हैं।

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