हरियाणा में बनेंगे राज्य के पहले 2 बटरफ्लाई पार्क

5/23/2018 8:29:13 AM

चंडीगढ़(अर्चना ): हरियाणा में राज्य के पहले दो बटरफ्लाई पार्क बनने जा रहे हैं। हरियाणा के वाइल्ड लाइफ डिपार्टमैंट ने पार्क बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। पार्क में विभिन्न किस्म की तितलियों की प्रजातियां छोड़ी जाएंगी जो राज्य के वन्य जीव प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगी। कुरुक्षेत्र के पिपली जू और गुरुग्राम के जू में बटरफ्लाई पार्क बनाए जाएंगे।

विभाग ने पार्कस की डिजाइनिंग से लेकर इसके निर्माण के लिए एक करोड़ रुपए का बजट रखा है। पार्क में 50 से 100 के करीब विभिन्न रंग-बिरंगी तितलियों की प्रजातियां छोड़ी जाएंगी। तितलियों को लुभाने वाले खूबसूरत फूलों से पार्क को महकाया जाएगा, ताकि राज्य में उड़ान भरने वाली अन्य तितलियां भी इस पार्क की तरफ आकृर्षित हो सके।

2 से 4 हैक्टेयर की जमीन पर ये पार्क बनाने की योजना तैयार की गई है। तितलियों को लुभाने वाले फूलों की किस्मों पर भी विभाग ने अध्ययन शुरू कर दिया है। अधिकारियों की मानें तो चंडीगढ़ के बटरफ्लाई पार्क की तर्ज पर यह पार्क तैयार किया जाएगा।

हरियाणा के बटरफ्लाई पार्क की स्थापना से पहले विभाग के आला अधिकारियों ने बाकायदा चंडीगढ़ के पार्क का दौरा कर वहां की डिजाइनिंग, वहां पर लगे फूलों, पेड़ पौधों का भी जायजा हासिल किया है। चंडीगढ़ का बटरफ्लाई पार्क सैक्टर-26 के चंडीगढ़ कालेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नोलॉजी के सामने बना हुआ है। चंडीगढ़ का पार्क 7 एकड़ की कामीन पर स्थित है।

पार्क में लंताना, दहलियास मैरीगोल्ड, गाजनिया पौधों की विभिन्न किस्में मौजूद हैं। आमला, कैपिस, अशोका, साइट्स सेलिक्स, आम, पाम, कैलोट्रिस इत्यादि पेड़ पौधों के आसपास तितलियों की विभिन्न किस्में जैसे एपेली, ब्लू मार्मन, चॉकलेट पैन्सी, कमांडर, कामन ब्लू बोतल, एंगलेड कैस्टर, कॉमन टाइगर, पलेन टाइगर, कॉमन बुश ब्राउन, कॉमन लिपर्ड, पिकॉक पैंसी, कॉमन सिल्वर लाइन, पी ब्लू, यैलो पैन्सी इत्यादि प्रजातियां मौजूद हैं।

हरियाणा के कंजर्वेटर ऑफ फॉरैस्ट एम.एल. राजवंशी का कहना है कि राज्य में पहली दफा बटरफ्लाई पार्क बनने जा रही हैं। पार्क में न सिर्फ खूबसूरत तितलियां विचरण करेंगी, बल्कि पर्यटकों को लुभाने के लिए पार्क बड़े ही आकर्षक अंदाज में तैयार किया जाएगा। शुरूआत में पार्क में 50 के करीब तितलियों की प्रजातियां पार्क में छोड़ी जाएंगी।

उसके बाद पार्क में ऐसा वातावरण तैयार किया जाएगा जिससे तितली की अन्य किस्में भी पार्क की तरफ आकृर्षित होगी। तितलियों को लुभाने वाले फूल और पौधों को भी रोपा जाएगा। पार्क बनाने के लिए जल्द ही पिपली और गुरुग्राम के चिडिय़ाघरों का दौरा भी किया जाएगा। उपलब्ध जमीन को ध्यान में रखते हुए ही कहीं 2 तो कहीं 4 हैक्टेयर की जमीन को भी चिन्हित कर लिया जाएगा।

Rakhi Yadav