भड़काऊ भाषण मामले में योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ समन जारी

3/2/2017 6:06:24 PM

रोहतक (दीपक भारद्वाज):न्यायाधीश हरीश गोयल की अदालत ने सद्भावना सम्मेलन में भडकाऊ भाषण देने के मामले में योग गुरू बाबा रामदेव को समन जारी किया है। साथ ही अदालत ने कहा कि बाबा रामदेव स्वंय पेश हो। पिछले वर्ष अप्रैल माह में सद्भावना सम्मेलन में बाबा रामदेव ने भाषण दिया था, जिसकों लेकर पूर्व गृहमंत्री सुभाष बतरा ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने पर बतरा ने बाद में अदालत में अर्जी दायर की थी। जिसकों लेकर 28 फरवरी को मामले पर सुनवाई हुई थी और अदालत ने दो मार्च निर्धारित की थी। वरिष्ठ अधिवक्ता आरके आनंद ने मामले में दलील दी थी कि बाबा रामदेव ने सरेआम मंच से धमकी दी है और यह एक गंभीर मामला है। अदालत ने इसी दलील पर सुनवाई करते हुए बाबा रामदेव के खिलाफ जान से मारने की धमकी के तहत समन जारी किया है। 

एसीजेएम हरीश गोयल की अदालत में भडकाऊ भाषण मामले को लेकर सुनवाई हुई। अदालत ने फैसला सुनाया कि धमकी का मामला बनता है, इसलिए बाबा रामदेव को धारा 504 व 506 के तहत समन जारी किया जा रहा है और 29 अप्रैल को स्वयं पेश हो। पूर्व गृहमंत्री सुभाष बतरा की तरफ से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ओपी चुघ ने बताया कि अदालत के फैसले के अनुसार बाबा रामदेव को स्वंय पेश होना होगा और उनके खिलाफ जो समन जारी किए गए हैं वह गैर जमानती है। दरअसल पिछले वर्ष तीन अप्रैल को अनाज मंडी में आयोजित सदभावना सम्मेलन में योग गुरू बाबा रामदेव ने मंच से भाषण दिया था कि कुछ लोग टोपी पहन कर कह रहे है कि चाहे उनका सिर काट दिया जाए, वह भारत माता की जय नहीं बोलेंगे। रामदेव ने कहा था कि अगर उनके हाथ कानून से बंधे नहीं होते तो वह लाखों सर कलम कर देते। इस मामले में हैदराबाद पुलिस ने बाबा रामदेव के खिलाफ वीडियों वायरल को लेकर राजद्रोह सहित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर रखा है।

इसी के चलते पूर्व गृहमंत्री सुभाष बतरा ने बाबा रामदेव के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई थी, जब पुलिस द्वारा इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई तो उन्होंने अदालत में अर्जी दायर की थी। 28 फरवरी को हुई सुनवाई में अदालत में याचिकाकर्ता को निदेश दिए थे कि इस तरह के संबंधित मामलों के उदाहरण पेश किया जाए, जिस पर वीरवार को याचिकाकर्ता की तरफ से कई दलील पेश की गई और अदालत ने फैसला सुनाया।