DSP जोगिंदर शर्मा की याचिका पर हरियाणा सरकार को जारी हुआ Notice, IPS पदोन्नति पर लटकी तलवार

punjabkesari.in Wednesday, Jan 10, 2024 - 11:23 AM (IST)

चंडीगढ़ : क्रिकेटर से DSP बने जोगिंदर शर्मा ने हरियाणा सरकार को बड़ा झटका दिया है। शर्मा ने सरकार की हरियाणा पुलिस सर्विस (HPS) वाले DSP को IPS प्रमोट करने की योजना के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसके बाद मंगलवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार और संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर दिया है। जिसमें डीएसपी जोगिंदर की दी दलीलों पर सरकार से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर इस दौरान प्रमोशन हो जाती है तो यह प्रक्रिया हाईकोर्ट के इस केस में अंतिम फैसले पर निर्भर रहेगी। 

बता दें कि जोगिंदर शर्मा हरियाणा की भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुआई वाली कांग्रेस सरकार में DSP बने थे। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब प्रमोशन प्रक्रिया लटकने के आसार बन गए हैं। दायर पिटीशन में जोगिंदर शर्मा ने कहा था कि IPS अफसर प्रमोट किए जाने वाले 12 अफसरों में मेरा नाम शामिल नहीं है। योग्य होने के बावजूद उनका नाम प्रमोशन की लिस्ट में नहीं डाला गया।


DSP शर्मा ने हाईकोर्ट में रखी यह दलीलें


2009 वाले अफसरों पर विचार, मेरी जॉइनिंग 2007 की

DSP जोगिंदर शर्मा ने हाईकोर्ट में दायर पिटीशन में कहा- "सरकार 2021 की सिलेक्शन लिस्ट के लिए IPS पद पर प्रमोशन के लिए स्टेट पुलिस सर्विस के 12 अधिकारियों के नामों पर विचार कर रही है। लिस्ट में शामिल अधिकांश DSP 2009 में राज्य पुलिस में शामिल हुए थे। इसके बावजूद उन्हें लिस्ट में शामिल नहीं किया गया जबकि वह 5 अक्टूबर 2007 को सेवा में शामिल हुए थे। नियमों के अनुसार सभी 11 DSP से पहले उन्होंने प्रोबेशन पूरी की थी। उनके साथ प्रमोशन को लेकर भेदभाव किया जा रहा है।"

ट्रेनिंग पूरी होने पर ही सेवा कन्फर्म, यह गलत 

हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में DSP जोगिंदर सरकार ने तर्क दिया है कि राज्य अथॉरिटी ने लिस्ट में अवैध रूप से उल्लेख किया है कि ट्रेनिंग पूरी होने पर याची की सेवा कन्फर्म की जाती है। यह शर्त नियुक्ति पत्र एवं नियमों के विरुद्ध होने के साथ पूरी तरह से अवैध है। नियुक्ति पत्र या प्रासंगिक नियमों में ऐसा कोई भी उल्लेख नहीं है कि प्रोबेशन कन्फर्म के लिए ट्रेनिंग पूरी करना आवश्यक है।


सेवा में प्रवेश करने वाला ट्रेनी नहीं

याचिका के अनुसार, नियम 10 को पढ़ने से यह स्पष्ट हो जाता है कि सेवा में प्रवेश करने वाला कोई ट्रेनी नहीं है और उसे एक पूर्ण कर्मचारी के रूप में सेवा में शामिल किया गया है। प्रशिक्षण पूरा होने से पहले की याचिकाकर्ता की सेवा अवधि को सेवा से बाहर नहीं किया जा सकता है। हाईकोर्ट से DSP ने ये मांग रखी DSP जोगिंदर शर्मा ने 23 और 29 नवंबर के ऑर्डर को संशोधित करने और 5 अक्टूबर 2009 से DSP के रूप में उनकी सेवा कन्फर्म करने और उन्हें वरिष्ठता और पदोन्नति आदि सहित सभी परिणामी लाभ प्रदान करने के निर्देश देने की मांग की है।

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Content Writer

Manisha rana

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