हाईकोर्ट ने खेल मंत्रालय को दिए जानकारी सार्वजनिक करने के आदेश

10/10/2018 11:36:20 AM

चंडीगढ़(बृजेन्द्र): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने एक अहम आदेश में नैशनल इंदिरा गांधी एन.एस.एस. अवार्ड को लेकर प्रोफार्मा में मौजूद एन.एस.एस. वालिंटियर्स की सिफारिशों वाली जानकारी याची को सार्वजनिक करने के आदेश दिए हैं। संबंधित आदेश मिनिस्ट्री ऑफ यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स को दिए गए हैं। इन आदेशों का समाज सेवा और स्पोर्ट्स के क्षेत्र में दिए जाने वाले अवार्ड्स पर काफी असर पड़ेगा और अवार्ड को लेकर पारदर्शिता व जवाबदेही तय करने में यह आदेश अहम साबित होंगे। 

हाईकोर्ट ने केस की सुनवाई के दौरान कहा कि सिर्फ थर्ड पार्टी की आपत्ति को याची को जानकारी प्रदान न करवाने का आधार नहीं हो सकता क्योंकि सक्षम अथॉरिटी द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाना था। पब्लिक इन्फॉर्मेशन ऑफिसर या अपीलीय अथॉरिटी द्वारा स्वतंत्र रूप से निर्णय लिया जाना था। 

हिसार के जय नारायण जाखड़ ने स्टूडैंट्स को दिसम्बर-2014 में दिए गए नैशनल इंदिरा गांधी एन.एस.एस. अवार्ड में गड़बड़ी की आशंका जताई थी। इसे लेकर सोनीपत के एक कॉलेज के 2 स्टूडैंट्स को दिए गए अवार्ड के संबंध में मंत्रालय ने जिस योग्यता और प्रदर्शन को आधार बनाया। वह रिकार्ड मांगा गया था लेकिन मिनिस्ट्री ऑफ यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स तथा सैंट्रल इन्फॉर्मेशन कमीशन (सी.आई.सी.) ने संबंधित जानकारी देने से इन्कार कर दिया था। 

इसके पीछे आधार बनाया गया कि दोनों स्टूडैंट्स ने अपने से जुड़ी निजी जानकारी किसी अन्य को देने का विरोध किया था, जिसे लेकर जय नारायण ने मिनिस्ट्री व सी.आई.सी. को पार्टी बनाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसमें याची के वकील प्रदीप सिंह रापडिय़ा ने दलील दी कि मिनस्ट्रिी द्वारा जिस रिकार्ड पर विचार किया गया उसे पाने का नागरिक को मूलभूत अधिकार है। वहीं, मंत्रालय ने दलील दी कि याची ने जानकारी प्राप्त करने का मकसद नहीं बताया था। मामले में अगली सुनवाई अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में होगी। 

Rakhi Yadav