जाति छुपाने वाले एचसीएस अधिकारी दो दिन में दें जातिगत डाटा

12/19/2017 8:25:26 PM

चंडीगढ़(ब्यूरो): हरियाणा में जाटों को आरक्षण देने के मामले में प्रदेश सरकार ने नौकरी में आरक्षण संबंधी आंकड़े तैयार कर पिछड़ा वर्ग आयोग को सौंपा था। जिसमें से कुछ अधिकारियों की जाति का पता न लग पाने की सूचना थी। इन्हीं अधिकारियों की जातिगत जानकारी जुटाने के लिए सरकार ने सभी एचसीएस अधिकारियों को अपनी जातिगत जानकारी देने के आदेश दिए हैं। आदेशानुसार अधिकारियों को इस कार्य के लिए दो दिन का समय दिया गया है।

प्रदेश सरकार ने आदेश दिया है कि, सभी एचसीएस अधिकारी अपनी जातिगत जानकारी दो दिन के अंदर एक फार्म के जरिए देनी होगी, जो भी अधिकारी जानकारी देने में ढिलाई बरतेगा उसके खिलाफ कड़ा संज्ञान लिया जाएगा।

17 हजार अधिकारियों-कर्मचारियों की जाति लापता
सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़ों में 17 हजार अधिकारी-कर्मचारियों की जातिगत जानकारी नहीं पाई गई है। जबकि करीब 1200 अधिकारी-कर्मचारी ऐसे हैं जिनकी जाति का पता ही नहीं चल पाया है। और इन्हीं लापता जाति वाले अधिकारियों और कर्मचारियों से उनकी जातिगत जानकारी मांगी गई है। मुख्य सचिव डीएस ढेसी की ओर से आयोग को भेजे आंकड़ों में बताया गया कि राज्य में नौकरी के लिए कुल 2.58 लाख पद स्वीकृत हैं। इनमें से राज्य सरकार 2.41 कर्मचारियों की ही जातिगत जानकारी जुटाई जा सकी है।

पिछड़ा आयोग ने मांगी थी जानकारी: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के एक आदेश के तहत आयोग ने राज्य सरकार से पिछले दिनों सभी सरकारी कर्मचारियों का जातिगत जानकारी मांगी थी।

उल्लेखनीय है कि, पिछली सरकार और वर्तमान सरकार ने जाटों की छह जातियों को विशेष पिछड़ा वर्ग के तहत नौकरियों में दस फीसद आरक्षण देने की घोषणा की थी, लेकिन सरकार के इस फैसले पर हाईकोर्ट ने स्टे लगाते हुए हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग को मामले पर निर्णय लेने का आदेश दिया था। इसी के चलते प्रदेश सरकार ने नौकरी संबंधी आंकड़े तैयार कर पिछड़ा वर्ग आयोग रिपोर्ट सौंपी थी।