विज की वकालत के चलते स्वास्थ्य विभाग की स्टाफ नर्स अब जल्द नर्सिंग ऑफिसर कहलाएंगी

8/31/2021 8:58:47 PM

चंडीगढ़ (धरणी): प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की स्टाफ नर्स अब जल्दी नर्सिंग ऑफिसर कहलाएंगी, जबकि नर्सिंग सिस्टर सीनियर नर्सिंग ऑफिसर। मंगलवार को हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से हरियाणा की स्टाफ नर्सिस एशोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल मिला। विज ने हरियाणा सरकार में वित्त विभाग के ए सी एस टी वी एस एन प्रशाद से फोन पर इस मुद्दे पर बातचीत की तथा कहा कि इनकी फाइल उनके कार्यालय में है। इनके पदनाम को बदलने से सरकार पर कोई वित्तीय बोझा नहीं पड़ेगा।

केंद्र में पहले ही पदनाम को बदलने को लेकर अधिसूचना जारी हो चुकी है। जबकि प्रदेश में ऐसा नहीं हुआ है। हरियाणा में फार्मासिस्टों को पहले ही फार्मासिस्ट ऑफिसर का पदनाम मिल चुका है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज विभाग में स्टॉफ नर्स को नर्सिंग ऑफिसर का पदनाम देने की वकालत तीन वर्ष पूर्व कर चुके हैं। ईएसआई की नर्सों की यह मांग जहां आज तक पूरी नही हुई। वहीं खट्टर सरकार के पहले कार्यकाल में नायब सिंह सैनी के पास यह मंत्रालय था, लेकिन नर्सिंग स्टॉफ की मांगों पर उस समय भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। अब उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के व राज्य मंत्री अनूप धानक के पास यह मंत्रालय है।

स्वास्थ्य विभाग में स्टॉफ नर्सों का ग्रेड-पे 44900 रुपये है, जो कि 2 जनवरी 2019 से लागू है। जबकि ईएसआई में यह 35400 से बढ़ाने के 9 अगस्त 2021 से बढ़ने के आदेश हरियाणा वित्त विभाग के ए सी एस टी वी एस एम प्रसाद ने किए। ईएसआईसी स्टाफ नर्स को यह लाभ 2 जनवरी 2019 से ही लागू होना चाहिए था जब से स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ नर्स इसको लागू किया गया है। लेकिन लगभग ढाई साल के अंतराल के बाद यह 9 अगस्त 2021 से लागू करने की बात की जा रही है।

हरियाणा सरकार के अधीन एक काडर "स्टाफ नर्स" का दो अलग अलग विभागों में काम करता है। हेल्थ व ई एस आई। हेल्थ विभाग के नर्सिंग स्टाफ को स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पिछले 4 साल से उनकी मांग पर जो सुविधाएं दी हुई हैं वह ई एस आई जो कि श्रम मंत्रालय के अधीन है यह सुविधाओं के न मिलने से भारी रोष है।

ई एस आई जो लेबर विभाग के अधीन है फाइल प्रिंसीपल सेक्रेटरी लेबर विभाग व वित्त विभाग में यह फ़ाइल लम्बा समय फुटबॉल बनी रही। इनकी मांग हेल्थ विभाग में स्टाफ नर्सिस को जो ग्रेड पे मिला हुआ है, उन्हें ई एस आई में भी वह 2 जनवरी 2019 से मिलना चाहिए प्रमुख है। हेल्थ विभाग को  लेटर वित्त विभाग जारी कर चुका है। कोरोना वार योद्धाओं में शामिल नर्सिंग स्टाफ भी अलग-अलग कैडर की वजह से वेतन-भत्तों में भेदभाव का शिकार है। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों व मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ चूंकि स्वास्थ्य विभाग के अधीन हैं, इसलिए उन्हें पद के साथ वेतन-भत्ते भी केंद्र के नियमों अनुसार मिल रहे हैं। वहीं श्रम विभाग के अंतर्गत आने वाले ईएसआई अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ का वेतन काफी कम है। उनकी सुध बुध लेने वाला कोई नही है।

ई एस आई एसोसिएशन ईएसआई में नर्सिंग स्टॉफ की प्रमोशन के मामले कई वर्षों से लटके हैं। इस अवधि में 159 स्टॉफ नर्स व तीन दर्जन से अधिक नर्सिंग सिस्टर सेवानिवृत्त हो चुकी हैं, लेकिन उन्हें प्रमोट नहीं किया गया। यह एसोसिएशन जल्दी ही डिप्टी सी एम दुष्यंत चौटाला से मिलने की सोच रही है।

बताते हैं कि ईएसआई नर्सिंग स्टाफ की वेतन विसंगतियां दूर करने व प्रमोशन से जुड़ी फाइल श्रम मंत्रालय में पिछले कई महीनों से लटकी हुई है, लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही। श्रम मंत्रालय डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के पास है। ईएसआई नर्सिंग एसोसिएशन, हरियाणा ने सरकार को अपनी मांगों का एक पत्र भेजा है। दरअसल, 2006 तक स्वास्थ्य व ईएसआई के नर्सिंग स्टाफ में कोई अंतर नहीं था। 2004 में ईएसआई को श्रम विभाग के अधीन करने का निर्णय लिया गया।ऐसे में नर्सिंग स्टॉफ ने विकल्प मांगे गए। स्वास्थ्य विभाग के अलावा ईएसआई को चुनने वाले नर्सिंग स्टॉफ को 2006 में अलग कर दिया गया।  
 

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Content Writer

vinod kumar