NHM कर्मियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं बेहाल, अस्पताल के बिस्तरों पर कुत्ते फरमा रहे आराम

12/14/2017 8:00:17 PM

नूंह(ऐ के बघेल):एनएचएम कर्मियों द्वारा दस दिन से चल रही हड़ताल से सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में स्वास्थय सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित है। अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन दवाई, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड करने वाले कमरों में ताला लटका पड़ा है। सीएचसी अस्पताल में मरिजों के बेड पर अवारा कुत्ते आराम से अपनी नींद फरमा रहे हैं। जिला प्रशासन ने धारा 144 लगा हड़ताल कर रहे आफिया अस्पताल के कर्मचारियों को नौकरी से बाहर कर दिया था। जिसके बाद भड़के कर्मचारियों ने अस्पताल के दूसरे गेट के सामने अपने बैनर लगाए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

एकमात्र शवों का पोस्टमार्टम करने वाले कर्मचारी शीश राम ने भी साफ कर दिया कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो किसी भी शव का पोस्टमार्टम नहीं होगा। हड़ताल का सारा असर जनता पर पड़ रहा है। अस्पताल में किसी प्रकार की जांच नहीं हो रही है। मरीजों को निराश होकर घर वापस लौटना पड़ता है। सबसे अधिक दिक्कत संस्थागत डिलीवरी में आ रही है। महज चार जीएनएम के भरोसे करीब 12 लाख की आबादी की स्वास्थ्य सेवाओं की जिम्मेवारी है।

एनएचएम महिला कर्मचारी शबनम ने कहा जिले के 480 कर्मचारी हड़ताल पर हैं। जिसके बाद नूंह में स्वास्थ्य विभाग की गति पर ब्रेक लग गया है। एम्बुलेंस का पहिया भी थमा हुआ है। डॉक्टर बिना स्टाफ के कुछ भी करने की स्थिति में नहीं है। प्रदेशभर में करीब 12 हजार एनएचएम कर्मचारी हड़ताल पर चल रहे हैं।

हासिम खान कर्मचारी के मुताबिक नूंह जिले में कुल 20 फीसदी लोग ही स्वास्थ्य विभाग में नियमित हैं। जब तक कर्मचारियों को बहाल नहीं किया जाएगा, तब तक हड़ताल इसी तरह जारी रहेगी। कर्मचारियों के मुताबिक गत 7 दिसंबर को एमडी एनएचएम के साथ कर्मचारी नेताओं की बैठक भी हुई, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और सरकार हिटलरशाही कर रही है, लेकिन कर्मचारी इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। कर्मचारियों के मुताबिक कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, समान काम-समान वेतन, सेवा नियम इत्यादि मुख्य मांगें अनुबंध आधार के कर्मियों की हैं, जिन्हें सरकार सिरे चढ़ाने के बजाय टालमटोल कर रही है।