PGI में काेराेना मरीजाें काे दी जा रही खास डाइट, इम्यून सिस्टम को करती है बूस्ट

5/15/2020 7:50:45 PM

राेहतक (दीपक): कोरोना वायरस की वैक्सीन भले ही नहीं बनी है, लेकिन बावजूद इसके कोरोना के मरीज ठीक हो रहे हैं। इसकी एक बड़ी वजह हेल्दी डाइट भी है। पीजीआई रोहतक के डायटिशियन द्वारा अस्पताल में भर्ती मरीजों को स्पेशल डाइट दी जा रही है, जो मरीजों के इम्यून सिस्टम को बूस्ट कर रिकवर करने में मदद कर रही है।

पीजीआई में रोहतक के साथ साथ कई जिलों से मरीजों को कोरोना के ईलाज के लिए भर्ती किया जाता है, करीबन 11 जिलों के सैंपल भी यहां पर जांच के लिए आते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो कोरोना वायरस व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को सीधे तौर पर प्रभावित करता है, जिसके कारण उसकी जान भी जा सकती है, लेकिन रोहतक पीजीआई में भर्ती कोरोना के मरीजों को जल्द से जल्द स्वस्थ करने में पीजीआई की किचन अहम भूमिका निभा रही है।



यह किचन पीजीआई इमरजेंसी के एक ब्लॉक में संचालित है। किचन में लगभग 35 कर्मचारी काम करते हैं, जो कोरोना मरीजों के साथ-साथ मेडिकल स्टाफ जिनकी ड्यूटी कोरोना मरीजों की देखरेख में लगाई गई है, उनके लिए खाना तैयार करते हैं। इसमें आइसोलेशन वार्ड में तैनात डाॅक्टर्स, पैरामैडिकल, नर्सिंग व ग्रुप-डी के स्टाफ के सदस्य शामिल हैं।

रोहतक पीजीआई के रसोई कर्मचारी सुबह पांच बजे पहुंचकर मरीजों के लिए तैयार किए गए मेन्यू को फोलो करते हैं और खाना बनाने में जुट जाते हैं। डायटिशियन डाॅ ज्योति ने बताया कि पीजीआई की रसोई में कोरोना के मरीजों के खाने का उनकी टीम खास तरीके से ख्याल रख रही है।

रोजाना उनकी किचन में पौष्टिक आहार तैयार कर मरीजों व आइसोलेशन स्टाफ तक भेजा जाता है। पूरा काम सफाई व एक तय प्रक्रिया के अनुसार किया जाता है। हर रोज घर जाने से पहले डायटिशियन अगले दिन का मेन्यू तैयार कर उसकी सामग्री को इक्ट्ठा करते हैं और अगली सुबह कुक किचन में आकर खाना तैयार करते हैं। 



मरीजों और आइसोलेशन वार्ड के स्टाफ को दिन में तीन बार दिया जाता खाना
पीजीआई डायटिशियन डॉ. ज्योति व उनकी टीम द्वारा तैयार किए गए डाइट प्लान के अनुसार मरीजों और आइसोलेशन वार्ड के स्टाफ को दिन में तीन बार खाना दिया जाता है, जिसमें ब्रेक फास्ट, लंच व डिनर शामिल होता है। मरीजों को सुबह 6 बजे ब्रैड टी और शाम को भी चाय दी जाती है। नाश्ते की बात करें तो मरीजों को ब्रैड या सैंडविच, पनीर, दलिया के साथ दूध दिया जाता है। उसके बाद ठीक 12 बजे लंच में रोटी, चावल, दाल, पनीर, सब्जी, दही व फल दिए जाते हैं। 

वहीं डिनर में मरीजों को रोटी, चावल, दाल, सब्जी और स्वीट डिश यानि कुछ मीठा परोसा जाता है पूरे दिन का आहार पर्याप्त मात्रा में ही दिया जाता है जो उनकी सेहत के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि उसमें खास तौर पर प्रोटीन व विटामिन भरपूर मात्रा में होते हैं। मरीजों तक खाना भी डिस्पोजेबल थालियों में ही दिया जाता है। स्पैशल तैयार किया हुआ खाना हर रोज लगभग एक हजार लोगों तक पहुंचता है, जिसमें कोरोना मरीज, सामान्य वार्ड के मरीज और आइसोलेशन वार्ड में तैनात स्टाफ शामिल है।

दो दर्जन कोरोना मरीज हुए ठीक
पीजीआई के खास डाइट की वजह से अभी तक तकरीबन दो दर्जन कोरोना मरीज भी ठीक हो चुके हैं। क्योंकि, ये आहार धीरे धीरे मरीजों के इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है, जिससे कोरोना के मरीजों को रिकवर करने में आसानी होती है। मरीजों के ठीक होकर डिस्चार्ज होने पर सबसे ज्यादा खुशी अगर किसी को होती है तो वो ये किचन के कोरोना योद्धा हैं.। भले ही इन्हें क्रेडिट न मिलता हो लेकिन डायटिशियन मरीज के जीवन में अहम रोल अदा करता है।

Edited By

vinod kumar