AJL मामले में मोतीलाल वोहरा की अर्जी पर सुनवाई, ईडी ने कहा- जांच में सहयोग दें वोहरा

7/19/2017 2:27:31 PM

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरनी):AJL प्लाट आबंटन मामले में आज पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें ईडी ने पिछली सुनवाई पर नोटिस जारी होने पर जवाब देते हुए कहा कि 1982 में एजेएल को हरियाणा सरकार ने 2 साल में निर्माण समेत कुछ शर्तों पर प्लाट दिया था। एसोसिएट जर्नल को भूपेंद्र हुड्डा ने 2005 में नियमों की अवेहलना करते हुए पुराने रेट प्लॉट दिया था। इससे हरियाणा सरकार को 55 लाख का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि शर्तों को नहीं मानने पर प्लॉट रिज्यूम हो गया था। 

बता दें, ए.जे.एल. मामले में कांग्रेस नेता मोती लाल वोहरा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ईडी पर परेशान करने का आरोप लगाया था। जिस पर जवाब देते हुए ईडी ने कहा कि वोहरा जांच में सहयोग के आदेश दें। उन्होंने कोर्ट से कहा कि हम पर उपयुक्त निर्देश हैं, इसलिए इस याचिका को खारिज किया जाए। इस मामले को लेकर अगली सुनवाई 31 अगस्त को होगी। 

मई 2016 में हुड्डा के ठिकानों पर पड़ा था छापा
मई 2016 में मामले की जांच के तहत पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर सी.बी.आई. की टीम ने पंचकूला में छापामारी की थी। कुल 17 जगहों पर छापा पड़ा था। कार्रवाई करते हुए टीम ने हुडा के पंचकूला ऑफिस में छापा मारकर जरूरी रिकॉड कब्जे में ले लिया था। गौरतलब है कि हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2011 में पंचकूला में औद्योगिक प्लॉट आवंटित करने के लिए आवेदन मांगे गए थे।

ये प्लॉट 496 स्केवयर मीटर से लेकर 1280 स्केवयर मीटर तक के थे,जिसके लिए हुड्डा के पास 582 आवेदन आए थे। अलॉटमेंट के लिए 14 का चयन किया गया था। इस आवंटन में जमकर भाई भतीजावाद हुआ था। पूर्व सरकार ने अपने चहेतों को नियमों का उल्लंघन करके पंचकूला में 14 औद्योगिक प्लाट अलॉट किए गए। इन चहेतों में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी रिश्तेदार भी शामिल थे। खट्टर सरकार ने सत्ता में आते ही इस मामले की जांच विजिलेंस ब्यूरो को सौंप दी थी। विजिलेंस ने इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री सहित अन्य के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की थी। इसके बाद सरकार ने मामले में सी.बी.आई. जांच की सिफारिश की ​थी।