चिंतनीय: सरकार और प्रशासन के दावों की पोल खोल रही इस महिला की लाचारी

9/17/2021 6:14:11 PM

रोहतक (दीपक भारद्वाज): शौचमुक्त हरियाणा का दम भरने वाली योजनाएं जमीनी स्तर पर कितनी कारगर साबित हो रही है? इसका अंदाजा आप एक मजबूर महिला के घर के हालातों को देखकर लगा सकते हैं जो अपने लाचार और बीमार पति का मल सिर पर उठाने को मजबूर है। वहीं जर्जर मकान की छतें बारिश होने पर झरने की तरह टपकने लगती हैं।

सरकार और प्रशासन के दावों की पोल खोलती तस्वीरें रोहतक जिले के पहरावर गांव की हैं। ये गांव रोहतक नगर निगम के अंतर्गत आता है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारी दावे कर रहे हैं कि गरीबी रेखा के तहत योजनाओं के अंर्तगत आने वाले लोगों तक योजना का लाभ पहुंच रहा है। लेकिन मजबूर महिला के घर की तस्वीरें सरकार और प्रशासन के दावों की पोल खोल रही हैं। घर में न शौचालय है और न ही ढंग की छत जबकि हरियाणा सरकार काफी पहले ही शौचमुक्त गांव के बोर्ड लगा चुकी है।



दरअसल, पहरावर गांव के निवासी ओमप्रकाश डेढ़ साल पहले तक दिहाड़ी मजदूरी कर अपना गुजर-बसर करता था लेकिन अचानक काम पर गए हुए ओम प्रकाश को लकवा मार गया, जिसके बाद ओम प्रकाश ने चारपाई पकड़ ली। अब ओम प्रकाश और उसके बच्चों के भरण-पोषण की जिम्मेवारी उसकी पत्नी सुमन पर आ गई। जर्जर हालत में घर और घर में शौचालय न होने की वजह से सुमन पिछले डेढ़ साल से अपनी लाचार और बीमार पति ओमप्रकाश का मल सिर पर उठा कर गांव के बाहर फेंक कर आती है। 



यही नहीं बारिश के दिनों में यही घर झरने का रूप ले लेता है। इसी घर के किसी कोने में सुमन अपने बीमार पति और दो बच्चों को लेकर दिन-रात बैठी रहती है। अब कमाई का उनके पास कोई जरिया नहीं है और प्रशासन मदद नहीं कर रहा। ऐसा नहीं कि प्रशासन इनकी हालत से अनजान है, कई बार प्रशासन के लोग इनके घर आए लेकिन आश्वासन देकर वापस चले गए।

सुमन और उनके परिवार के मजबूरी देखकर कुछ पड़ोसी आगे आए और जैसे-तैसे करके उनकी मदद कर रहे हैं। पड़ोसियों का कहना है कि सुमन के परिवार की हालत ठीक नहीं है इसलिए मदद कर देते हैं। वहीं सुमन ने कहा कि नगर निगम के अधिकारी कई बार उनके घर पर आ चुके हैं, लेकिन उन्हें आश्वासन देकर चले जाते हैं, फिर भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही और मजबूरन यह सब करना पड़ रहा है।

दूसरी ओर रोहतक प्रशासन उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार का कहना है कि हरियाणा सरकार की प्रत्येक योजना गरीब लोगों तक पहुंचे ऐसी व्यवस्था बनाई गई है। यदि कोई ऐसा मामला आया है तो उस पर संज्ञान लिया जाएगा और हर जरूरी मदद की जाएगी ताकि सरकार की योजनाओं का लाभ अंतिम छोर तक पहुंच सके।
 

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Content Writer

Shivam