...यहां हॉस्पिटल बिना रजिस्ट्रेशन के कर रहे कोरोना पेशेंट का इलाज, सेंक रहे अपनी जेब

5/6/2021 7:11:57 PM

महेंद्रगढ़/नारनौल (योगेंद्र सिंह): इस समय जिला कोरोना तांडव से पूरी तरह ग्रस्त है और लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। हॉस्पिटलों में बेड फुल हैं, ऑक्सीजन के लिए लोगों के बीच मारामारी मची हुई है। कई संस्थाएं मदद के लिए आगे आ रही हैं, तो इस विपदा व आपदा को अवसर बनाने में कुछ चिकित्सक भी पीछे नहीं हैं।

नियमानुसार जिस हॉस्पिटल ने एस-3 पोर्टल में रजिस्ट्रेशन करा रखा है, वही कोरोना पेशेंट को एडमिट कर उनका इलाज कर सकता है। बावजूद जिले में इस नियम की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। यह खतरनाक है और इसके चलते मरीजों की जान सांसत में हैं। एक-दो चिकित्सक ऐसे हैं, जिनकी डिग्री पर ही सवाल उठ रहे हैं बावजूद वह कोरोना पेशेंट का इलाज कर अपनी जेब गर्म करने में लगे हैं।

पिछले दो-तीन दिन से लगातार प्रशासन के पास लोग शिकायत कर रहे कि कुछ निजी हॉस्पिटल संचालक बिना रजिस्ट्रेशन के कोविड पेशेंट का इलाज कर रहे हैं। यह जहां मरीज को भर्ती कर रहे वहीं इलाज के नाम पर बीस से तीस हजार रुपए तक वसूल रहे हैं। बावजूद अभी तक प्रशासन एवं स्वास्थ्य अमला हाथ पर हाथ धरा बैठा हुआ है। जबकि जिले में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है।



बताया जाता है कि जिले में करीब आधा दर्जन हॉस्पिटल संचालकों ने रजिस्ट्रेशन करा रखा है जबकि अकेले महेंद्रगढ़ में आठ-दस हॉस्पिटल बिना रजिस्ट्रेशन कोविड मरीज को एडमिट करने के साथ ही उसका इलाज कर रहे हैं। इसी प्रकार नारनौल सहित आसपास के एरियों में भी बिना रजिस्ट्रेशन हॉस्पिटल संचालक इलाज के नाम पर रोटी सेंक रहे हैं। लोगों ने एक-दो अपात्र चिकित्सकों की भी शिकायत की है कि उनके पास डिग्री भी नहीं है लेकिन वह लोगों की दहशत एवं विपदा के समय भी अपना हित साधने में लगे हैं। 

इस प्रकार के कुछ वीडियो भी लोगों ने तैयार कर उसे अधिकारियों तक पहुंचाए हैं। देखना होगा कि कब प्रशासन सक्रिय होता है और इनके खिलाफ कार्रवाई करता है। कहीं ऐसा ना हो कि कोई बड़ी घटना घट जाए और फिर प्रशासन के पास सिवाय हाथ मलने के कुछ ना बचे। 

सीएमओ डॉ. अशोक कुमार का कहना है कि करीब छह हॉस्पिटल ने रजिस्ट्रेशन करा रखा है। बावजूद यदि कोई बिना रजिस्ट्रेशन कोविड मरीज को भर्ती या उसका इलाज कर रहा है, तो इसे चैक कराकर उचित कदम उठाए जाएंगे।



नियम पर एक नजर
नियमानुसार कोरोना पेशेंट को अपने हॉस्पिटल में भर्ती करना एवं उसका इलाज कराने से पहले संबंधित हॉस्पिटल को एस-3 पोर्टल में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। रजिस्ट्रेशन से हॉस्पिटल कोविड को लेकर आन लाइन सरकारी सिस्टम से जुड़ जाता है और सरकारी गाइड लाइन के अनुसार ही उसे काम करना होता है। साथ ही इस पर सरकार एवं प्रशासन की भी नजर रहती है।

रेवाड़ी प्रशासन की सक्रियता से हुए रजिस्ट्रेशन
रेवाड़ी में भी इस प्रकार की शिकायतें लगातार सामने आ रही थीं। रजिस्ट्रेशन नौ हॉस्पिटल ने करा रखा था जबकि इससे दोगुनी संख्या में हॉस्पिटल संचालक कोरोना पेशेंट का इलाज कर रहे थे। प्रशासन ने सख्ती दिखाई तो 13 हॉस्पिटल ने रजिस्ट्रेशन कराया। जबकि महेंद्रगढ़ में प्रशासन अभी तक लापरवाह बना हुआ है। इसी के चलते निजी हॉस्पिटल संचालक बिना रजिस्ट्रेशन के कोरोना पेशेंट का इलाज कराने के नाम पर जमकर अपना हित साध रहे हैं।
 

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Content Writer

Shivam