आतंकी धमकी के मद्देनजर रेलवे स्टेशनों पर हाई अलर्ट

6/4/2022 9:45:46 AM

फरीदाबाद : आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने 3 जून यानी की शुक्रवार को हरियाणा में ट्रेनें ना चलाने की धमकी दी जिसमें गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृहमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को धमकी देते हुए कहा था कि अगर 3 जून को हरियाणा में कोई भी ट्रेन चलाई जाती है तो कुछ होने पर इसकी जिम्मेदारी हरियाणा सरकार की होगी। सिख फॉर जस्टिस की धमकी को देखते हुए फरीदाबाद, बल्लभगढ़, न्यूटाउन और पलवल रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा को और भी ज्यादा बढ़ा दिया गया। फरीदाबाद सर्किल के सभी रेलवे स्टेशनों को हाई अलर्ट पर रखा गया था। सबसे ज्यादा फरीदाबाद और बल्लभगढ़ में सुरक्षा को कड़ी कर दिया गया है। 

यहां सभी स्टेशनों पर सौ से अधिक पुलिस, जीआरपी और आरपीएफ के जवान तैनात रहे। टिकिट घर से भी एनाउंस मेंट कर यात्रियों को लावारिस वस्तु दिखने पर जीआरपी, आरपीएफ और सुरक्षा बलों को सूचना देने के लिए चेतावनी जारी की गई थी। वहीं आईबी के जवान भी सिविल ड्रेस में तैनात रहे। डीएसपी मुनीष ने बताया कि सुबह से ही रेलवे स्टेशनों पर सख्ती की गई थी और आने जाने वाले यात्रियों के सामान की तलाशी भी ली गई थी। इसके अलावा जगह-जगह मेटल डिटेक्टर युक्त सुरक्षा गेट के बीच से लोगों को गुजारा गया। रेलवे और आरपीएफ के आला अधिकारियों ने भी मुस्तैद रहते हुए सभी जगह का निरीक्षण किया। इसके अलावा जिला प्रशासन की ओर से ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर एसडीएम एवं तहसीलदारों की ड्यूटी लगी हुई थी।  

क्या है सिख फॉर जस्टिस 
आपको बता दें कि खालिस्तान की मांग को लेकर कई सारे संगठन बने हैं और इन्हीं में से एक है सिख फॉर जस्टिस इस संगठन की शुरुआत 2007 में अमेरिका से हुई थी, उस दौरान इस संगठन सारा काम गुरपतवंत सिंह पन्नू ही देखा करते थे।  इस संगठन का केवल एक ही मकसद था और वो था पंजाब को देश से अलग करके खालिस्तान बनाना। खालिस्तान का मतलब खालसाओं की भूमि है। इस संगठन पर हमेशा से आरोप लगते आ रहे हैं कि इसे पाकिस्तान की खुफि या एजेंसी आईएसआई से फंडिंग मिलती है। लेकिन, 2019 में केंद्र सरकार ने सिख फॉर जस्टिस संगठन पर हमेशा के लिए प्रतिबंध लगा दिया था।

उसके पाकिस्तान से कनेक्शन की बातें सामने आई थीं, 2019 नेशनल इन्वेस्टिगेटव एजेंसी (एनआईए) पंजाब पुलिस और उत्तराखंड पुलिस पन्नू पर अब तक 12 क्रिमिनल केस दर्ज कर चुकी थी। इस मामले में 39 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। तो वहीं, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ  हुए किसान आंदोलन के वक्त भी सिख फॉर जस्टिस का नाम सामने आया था। इसके बाद एनआईए ने दिसंबर 2020 में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें किसान आंदोलन से जुड़े नेताओं के सिख फ ॉर जस्टिस से कनेक्शन की खबर सामने आई थी और इस मामले में 40 से ज्यादा नेताओं को समन भेजा गया था।

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Isha