हथिनी कुंड बैराज अपडेट: यमुना नदी का जलस्तर घटा, बाढ़ के आसार बरकरार

7/28/2018 8:43:28 PM

यमुनानगर(सुमित): गुरूवार से पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश से हरियाणा के निचले इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं यमुना से सटे कुछ इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। शनिवार शाम सात बजे की अपडेट में हथिनीकुंड बैराज पर पानी का स्तर कुछ कम हुआ। जो जलस्तर शाम छ: बजे तक छ: लाख पांच हजार के ऊपर चला गया था, वह सात बजे तक पांच लाख 63 हजार के करीब आकर रूका, लेकिन बाढ़ का खतरा बराबर बना हुआ है, क्योंकि बाढ़ आने का जोखिम सिर्फ तीन लाख क्यूसेक पानी तक सामान्य रहता है, अन्यथा इस मानक से उपर का पानी बाढ़ के खतरे को दर्शाता है।

यमुना नदी की हालिया स्थिति देखी जाए तो नदी में करीब पांच लाख क्यूसेक के उपर ही पानी है, जो कि बाढ़ के खतरे की निशानी है। यमुना नदी में खतरे के निशान से ऊपर पानी की मात्रा राजधानी दिल्‍ली के लिए भारी खतरा साबित हो सकती है, दिल्‍ली तक यह पानी अगले 65-70 घंटे तक पहुंच जाएगा। यह पानी दिल्‍ली सहित हरियाणा व उत्तरप्रदेश के इलाके जो नदी से के आस-पास के हैं, वहां तबाही मचा सकता है।

शनिवार शाम 6 बजे तक यमुना का जलस्तर छ: लाख पांच हजार के ऊपर चला गया था, आंकड़ों के अनुसार यमुना में हर घंटे लगभग एक लाख क्यूसेक पानी बढ़ा, जिससे भारी प्रलय आने की आशंका है। बता दें कि शाम पांच बजे पांच लाख 27 हजार क्यूसेक पानी मापा गया है। बता दें कि इस साल बढ़े यमुना में बढ़े जलस्तर में पिछले तीन साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।



वहीं सुबह जब पानी का गेज नापा गया तो 2 लाख क्यूसेक से अधिक पानी पाया गया। हथनीकुंड के अधिकारियों ने आलाधिकारियों को सूचित कर बराज के सभी गेट खोल दिए। जिसका सारा पानी दिल्ली की तरफ यमुना नदी में डाईवर्ट कर दिया गया। एक बजते-बजते यह पानी 4 लाख 56 हजार क्यूसिक का आंकड़ा पार कर चुका था। अंतिम बार पांच बजे नापे गए जल स्तर में पांच लाख 27 हजार क्यूसेक पानी बैराज से छोड़ा गया है।



पानी की बढ़ती मात्रा देख सभी अधिकारियों में उथल-पुथल का माहौल बना हुआ है। हथनीकुंड बैराज पर पहाड़ों से उतरने वाले पानी की पल-पल की अपडेट लेने के लिए हिमाचल से संपर्क बनाए हुए हैं। लोकल प्रशासन ने निचले इलाकों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। और अधिकारियों का तर्क हैं कि हिमाचल से मिलने वाली इनपुट के आधार पर अभी पानी और बढऩे की संभावना है।



पंचकुला से यमुनानगर हालात का जायजा लेने पहुंचे स्टेट फ्लड कंट्रोल अधिकारी राजीव बंसल ने कहा कि वह हर प्रकार की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं। किसी भी तरह के रेस्क्यू के लिए आर्मी और एयरफोर्स को लाईनअप कर दिया गया हैं। अधिकारियों ने दावा किया कि जिस तरह पिछले साल लहरों में फंसी 7 जिंदगियों को एयरफोर्स की मदद से एयर-लिफ्ट कर मौत के मुंह से बचाया गया था, उसी प्रकार इस साल भी सरकार एवं प्रशासन की तैयारियां चाक-चौंबद हैं।

नहरें हुई बंद, गांवों में करवाई जा रही मुनादी
यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गुरुवार से ही बैराज से निकलने वाली हरियाणा व यूपी की नहरों को बंद कर दिया गया है। नहरें बंद होने से 64.4 मेगावाट क्षमता के पनबिजली इकाइयों में बिजली उत्पादन बंद हो गया है। वहीं यमुनानगर में यमुना के नजदीक बसे गांवों में मुनादी करवाई जा रही है। लोगों को यमुना के नजदीक न जाने की सलाह दी गई है। इसके लिए पूरा प्रशासन लगा हुआ है।

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हर घंटे इस तरह बढ़ा जलस्तर
सुबह 7 बजे जलस्तर 1 लाख 81 हजार क्यूसेक था जो 8 बजे बढ़कर 1 लाख 93 हजार क्यूसेक हो गया। 9 बजे यह 2 लाख 11 हजार क्यूसेक हो गया। 10 बजे जलस्तर बढ़कर 2 लाख 55 हजार पहुंच गया। 12 बजे तक यह 3 लाख 56 हजार क्यूसेक पहुंच गया। दोपहर 2 से 4 बजे तक जलस्तर 4 लाख 24 हजार क्यूसेक रहा। शाम पांच बजे 5 लाख 27 हजार क्यूसेक दर्ज किया गया। 

बैराज पर दर्ज है 8 लाख क्यूसेकपानी का रिकॉर्ड
3 सितम्बर 1978 को यमुना नदी में 7.9 लाख क्यूसेक पानी पहुंचने से बाढ़ आ गई थी। 13 सितम्बर 2010 में नदी में 7.7 लाख क्यूसेक पानी आया। 16 जून 2013 को सबसे अधिक 8 लाख 6 हजार 464 क्यूसेक का रिकॉर्ड भी हथनीकुंड बैराज पर दर्ज है। 8 लाख क्यूसेक पानी के सैलाब के बाद ही बैराज पर पानी नापने के लिए पैमाना बढ़ा कर 10 लाख क्यूसेक किया गया है। बैराज की जल बहाव क्षमता 9 लाख 95 हजार क्यूसेक की है।

Shivam