High Alert: हरियाणा पुलिस कर्मियों की छुट्टियां रद्द, DGP की अपील- लावारिस वस्तु दिखे तो करें ये काम
punjabkesari.in Tuesday, Nov 11, 2025 - 11:31 AM (IST)
चंडीगढ़: सोमवार शाम को दिल्ली में हुए ब्लास्ट में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्लास्ट के बाद हरियाणा पुलिस भी अलर्ट मोड पर आ गई है। दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे हरियाणा में हाईअलर्ट जारी किया गया है। पुलिस कर्मियों की छुट्टिया कैंसिल कर दी गई है। कर्मचारियों और अधिकारियों को कहा गया है कि जिले से बाहर जाने से पहले परमिशन जरूर लें।
हरियाणा के डीजीपी ओपी सिंह ने एक्स पर लिखा, दिल्ली की घटना को लेकर हरियाणा हाई अलर्ट पर है। लोगों से अनुरोध है कि शांत रहें। कोई संदिग्ध व्यक्ति या लावारिस वस्तु दिखे तो डायल 112 पर सूचित करें। सभी पुलिस अधिकारी अपने-अपने इलाके में मौजूद हैं। इंटर-स्टेट बॉर्डर पर वाहनों की चेकिंग की जा रही है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट, पार्किंग एरिया, होटल और धर्मशाला की भी चेकिंग की जा रही है। एनसीआर जिलों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
वहीं जानकारी सामने आई है कि दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास जिस कार में ब्लास्ट हुआ वह हरियाणा नंबर (एचआर 26-सीई 7674) की है। यह कार गुरुग्राम आरटीओ में मोहम्मद सलमान के नाम पर रजिस्टर्ड है। कार के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट से मिले एड्रेस के बाद गुरुग्राम पुलिस उसे ढूंढते हुए शांति नगर पहुंची। यहां मकान मालिक ने बताया कि सलमान 5 साल पहले जा चुका है। अब वह सोहना की एक सोसाइटी में रहता था। पुलिस उस सोसाइटी पहुंची तो सलमान सोता मिला। पूछताछ में उसने बताया कि डेढ़ साल पहले उसने यह कार आगे बेच दी थी। फिलहाल पुलिस ने सलमान को हिरासत में ले रखा है।
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि मोहम्मद सलमान ग्लोबल हाइट्स सोसाइटी में मकान नंबर 631/12 में अपनी पत्नी और 3 बेटियों के साथ रहता है। वह एक ग्लास कंपनी में काम करता है। पुलिस ने सलमान से कार के बारे में पूछा तो उसने बताया कि डेढ़ साल पहले उसने यह कार आगे बेच दी थी। उसने खरीद-फरोख्त से संबंधित कागजात भी दिखाए। हालांकि, अभी यह कन्फर्म नहीं है कि आगे यह कार किस-किस के पास गई।
दिल्ली से सटे फरीदाबाद के धौज व फतेहपुर तगा इलाके में दो घरों से 2900 किलो विस्फोटक मिलने के मामले की तहें खुलने लगी हैं। यह पूरी साजिश व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का हिस्सा है। जिसमें समाज के ऐसे चेहरों का इस्तेमाल होता है, जिन पर आमतौर पर शक नहीं किया जा सकता। केस में डॉ. आदिल अहमद राठर, डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई उर्फ मुजम्मिल शकील और लेडी डॉक्टर शाहीन शाहिद की गिरफ्तारी की पुलिस पुष्टि कर चुकी है। तीनों ही डॉक्टरों के तार फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं। बताया जा रहा है कि यह यूनिवर्सिटी गल्फ फंडिंग से बनी है।
शुरूआत में आरडीएस की आशंका थी, लेकिन फोरेंसिक जांच में अमोनियम नाइट्रेट की पुष्टि हुई। बाद में मुजम्मिल की निशानदेही पर फतेहपुर तगा गांव में मस्जिद के मौलाना इस्तियाक के घर से अतिरिक्त 2563 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ, जिसे दिहाड़ी मजदूरों के घर में छिपाया गया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अमोनियम नाइट्रेट की खेप मुजम्मिल को गिरफ्तारी से करीब 15 दिन पहले भेजी गई थी, जिसका मकसद बड़े आतंकी षड्यंत्र के तहत आईईडी असेंबल करना था।