हाईकमान के प्रयासों के बावजूद नहीं थम रही कांग्रेस की ‘लड़ाई’

1/17/2017 3:03:57 PM

हिसार (संजय अरोड़ा):कांग्रेस हाईकमान जैसे जैसे हरियाणा प्रदेश कांग्रेस को एकजुट करने व पार्टी नेताओं में मतभेद दूर करने के दावे करता है, वैसे वैसे प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी लगातार बढ़ती ही नजर आ रही हैं। हालांकि हरियाणा प्रदेश कांग्रेस में वरिष्ठ नेताओं की दूरियां व गुटबाजी कोई नई बात नहीं हैं। मगर, पिछले 3 माह में कांग्रेस में यह तकरार अपने चरम पर पहुंची है और यहां तक की कांग्रेस नेता इस तरह से परस्पर विरोधी हैं बयानों पर उतरे हुए हैं जैसे वे एक पार्टी के नहीं बल्कि विरोधी दलों से संबंधित नेता हैं। प्रदेश कांग्रेस में इन तीन महीनों में नेताओं की आपसी खींचतान इस कदर बढ़ी है कि इन नेताओं ने एक-दूसरे के कार्यक्रमों से भी पूरी तरह दूरियां बना ली हैं। 

 

पिछले वर्ष 6 अक्तूबर को नई दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के एक कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डा. अशोक तंवर के समर्थकों के बीच हुई भिड़ंत व उसमें खुद तंवर के घायल होने के बाद तो मानों कांगे्रस की यह गुटबाजी उफान पर आ गई है। आज आलम यह है कि दोनों ही नेताओं के समर्थक तो एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में उतर ही आए हैं वहीं, दोनों बड़े नेता भी एक दूसरे के खिलाफ प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से छीटाकशी करने से भी नहीं चूकते। 

 

अब तो इन नेताओं ने एक दूसरे द्वारा आयोजित बैठकों व कार्यक्रमों का अघोषित बहिष्कार भी शुरू कर दिया है। इसकी बानगी बीते रविवार को चंडीगढ़ में हुई प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक भी रही जिसमें अशोक तंवर समर्थक ही मौजूद रहे जबकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित उनके अधिकांश समर्थकों ने दूरी बनाए रखी। इसी प्रकार हुड्डा अनेक कार्यक्रमों से भी तंवर व उनके समर्थक दूरी बनाए रखते हैं। ऐसे में कांग्रेस हाईकमान के एकता के तमाम दावे जहां हवा होते नजर आ रहे हैं वहीं पार्टी में गुटबाजी समाप्त होने के भी आसार गौण ही दिख रहे हैं।

 

2 खेमों में बंट गए हैं नेता
पार्टी के 2 सांसदों के अलावा अधिकांश विधायक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ खड़े नजर आते हैं तो वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर के साथ कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी व पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव जैसे दिग्गज नेताओं का ही साथ नजर आ रहा है। इन सबके बीच कांग्रेस राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला जो विधायक भी हैं, इस पूरे विवाद से दूर खड़े नजर आते हैं। 

 

प्रभारियों के प्रयास भी रहे हैं असफल
हरियाणा में कांग्रेस धड़ेबंदी वर्षों पुरानी है और जब जब कांग्रेस का कोई नेता हरियाणा का प्रभारी बना है तब तब उस प्रभारी ने हरियाणा में कांग्रेस को एकजुट करने के दावे करने के साथ साथ गुटबाजी समाप्त करने के प्रयास भी किए हैं। मगर, सभी प्रभारियों के प्रयास असफल ही साबित हुए हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता जनार्दन द्विवेदी के अलावा बी.के. हरिप्रसाद, शकील अहमद हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी रहे हैं और अब कमलनाथ प्रदेश के प्रभारी हैं। इन सभी प्रभारियों के प्रयासों के बावजूद कांग्रेस में गुटबाजी बरकरार रही है। यह अलग बात है कि गुटबाजी का जो दौर अब देखने को मिल रहा है, ऐसा पहले कभी नहीं देखने को मिला।