पंचकूला के डॉक्टर के सपोर्ट में आए हाईकोर्ट के वकील, बोले-FIR को कैंसिल करें सरकार

4/18/2020 4:17:14 PM

चंडीगढ़(धरणी)- हाईकोर्ट के वकील एवं पूर्व सीनियर डिप्टी एडवोकेट जनरल सुखविन्द्र नारा ने पंचकूला के डॉक्टर ऋषि नागपाल के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर ऐतराज जताते हुए कहा कि कोविड-19 के चलते जहां अधिकतर प्राइवेट हॉस्पिटल बंद पड़े थे वही ऐसी महामारी के चलते अपनी जान जोखिम में डालकर डॉक्टर ऋषि नागपाल जन सेवा में लगे रहे लेकिन एक पेशेंट के कोविड-19 पॉजिटिव मिलने के कारण उनके ऊपर एफआईआर दर्ज कर दी गई।  सरकार ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया की कोई डॉक्टर क्यों अपनी जान जोखिम में डालेगा और क्यों सरकार से कोविड-19 पेशेंट को छुपाएगा।  

साधारण बुखार की दशा में यदि कोई पेशेंट डॉक्टर के पास पहुंचता है तो क्या हर पेशेंट का डॉक्टर कोविड-19 टेस्ट के लिए भेजेगा। यदि किसी पेशेंट ने लक्षणों  को छुपाया है तो उसमें  डॉक्टर का क्या दोष, सरकार द्वारा जल्दबाजी में की गई कार्रवाई अनुचित है, जनसेवा में लगे एक डाक्टर की  सराहना करने की बजाय सरकार ने एक जिम्मेवार डॉक्टर को अपराधिक केस का इनाम दिया है जिसकी हम निंदा करते हैं और सरकार से मांग करते हैं की मामले की गंभीरता से जांच हो और निर्दोष डॉक्टर के खिलाफ दर्ज एफआईआर को कैंसिल किया जाए । 

नारा ने बताया कि डॉक्टर ऋषि नागपाल के पिता स्वर्गीय डॉक्टर एच सी नागपाल ऐसे डॉक्टर थे जिन्होंने गांव देहात से आए हुए पेशेंट  बहुत ही कम या नाममात्र फीस पर अपनी मेडिकल सुविधाएं दी और गरीब लोगों की निशुल्क मेडिकल सहायता भी की, बतौर सरकारी डॉक्टर होते हुए भी वह समय के पाबंद रहे सैकड़ों लोगों को हर रोज ओपीडी में देखते थे और लोग उनके इस कदर दीवाने थे की उनकी बदली तक नहीं होने देते  दे,  शिवालिक क्षेत्र में आज भी  लोग डाक्टर नागपाल को याद करते हैं सरकार को सोचना चाहिए था कि नागपाल परिवार जनता की सेवा में लगा रहा है ऐसी दशा में उनके खिलाफ इस तरह का अपराधिक केस दर्ज करना, उनके हॉस्पिटल की छवि खराब करना, सरासर गैर जिम्मेदाराना कदम है इससे जनता में काफी रोष है।

Isha