ओल्ड एज होम स्थापित करने को लेकर हरियाणा सरकार को हाईकोर्ट की फटकार

1/31/2019 9:25:38 AM

चंडीगढ़(हांडा): पंजाब एवं हरियाणा के हर जिले में ओल्ड एज होम स्थापित नहीं होने को लेकर दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई के दौरान पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की कोर्ट ने हरियाणा सरकार को खूब फटकार लगाई। चीफ जस्टिस ने 27 फरवरी को सोशल जस्टिस एंड इम्पावरमैंट विभाग के प्रमुख सचिव को खुद पेश होकर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। 

कोर्ट पिछली सुनवाई पर पंजाब एवं हरियाणा के संबंधित विभागों से हर जिले में 1-1 ओल्ड एज होम बनाने को लेकर तैयार किए गए रोडमैप जमा करवाने को कहा था। पंजाब ने वर्ष 2022 तक हर जिले में ओल्ड एज होम स्थापित कर लिए जाने का मैप कोर्ट को पिछली सुनवाई में दे दिया था। हरियाणा ने जो रोडमैप कोर्ट में सबमिट किया, उसमें वर्ष 2031 तक इस काम को पूरा करने की बात कही गई। कोर्ट ने हरियाणा को रोडमैप में इतना अधिक समय दर्शाने पर कोर्ट की फटकार का सामना करना पड़ा। पंजाब सरकार के रोडमैप में दर्शाया गया कि पंजाब में ओल्ड एज होम स्थापित किए जाने की शुरूआत होशियारपुर से की जा चुकी है और आने वाले 3 वर्षों में हर वर्ष 7 ओल्ड एज होम अलग-अलग जिले में स्थापित कर दिए जाएंगे। बाद में यह होम गैर-सरकारी संगठनों की मदद से चलाए जाएंगे जिसके लिए वित्त विभाग ने फंड्स जारी करने की हामी भर दी है और प्रोजैक्ट पूरा होने के बाद सभी ओल्ड एज होम्स के संचालन के लिए दिशा-निर्देश तैयार कर लिए गए हैं।

उक्त कार्य को पंजाब का सामाजिक सुरक्षा व महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यान्वित रूप देगा, जिसके लिए 2022 तक की समयसीमा निर्धारित है। पंजाब के इस जवाब पर कोर्ट ने संतुष्टि जताई। याचिकाकत्र्ता एडवोकेट रंजीवन ने बताया कि हरियाणा ने जो रोडमैप पेश किया, उसमें सरकार ने 2019 से लेकर 2031 तक हरियाणा में 21 ओल्ड एज होम बनाने की बात कही, जहां हर 3 वर्ष में एक चरण पूरा किया जाएगा और हर एक चरण में 4 ओल्ड एज होम स्थापित किए जाने की बात कही गई है। सरकार ने बताया कि एक ओल्ड एज होम स्थापित कर दिया गया है। हरियाणा सरकार ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने इस योजना को सिरे चढ़ाने के मकसद से एक कमेटी का गठन कर लिया है, जिसे दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं।

कोर्ट को बताया गया कि ओल्ड एज होम महिला व पुरुषों के अलग-अलग होंगे, जबकि बीमार और असहाय बुजुर्गों को विशेष तवज्जो दी जाएगी। रोडमैप देख चीफ जस्टिस ने हरियाणा सरकार को लताड़ा और पूछा कि आखिर इस काम के लिए सरकार इतना समय क्यों मांग रही है, जबकि यही काम पड़ोसी राज्य मात्र 3 वर्ष में पूरा कर रहा है। कोर्ट ने सोशल जस्टिस एंड इम्पावरमैंट विभाग के प्रमुख सचिव को खुद पेश होकर 27 फरवरी को होने वाली सुनवाई के वक्त जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। 
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार हर एक राज्य के हर जिले में ओल्ड एज होम स्थापित करना राज्य सरकारों की ड्यूटी है। वर्तमान में पंजाब व हरियाणा में सरकार द्वारा मात्र एक-एक ओल्ड एज होम ही चलाया जा रहा है। 

Deepak Paul