फर्जी स्कूलों को बंद करवाने पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार को दिए जल्द कार्रवाई के निर्देश

5/10/2018 11:46:57 AM

चंडीगढ़(ब्यूरो): हरियाणा में चल रहे फर्जी स्कूलों को बंद करवाने के लिए सरकार द्वारा अपनाए जा रहे ढुलमुल रवैये पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई जिसके चलते  प्रदेश सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए अंतिम मौका दिया और कड़ी चेतावनी दी। कोर्ट ने सरकार से जवाब-तलब किया कि अब तक चल रहे फर्जी स्कूलों को बंद करवाने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए क्या कदम उठाए हैं।

दरअसल, स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेशाध्यक्ष बृजपाल परमार ने 9 अक्तूबर, 2017 को जनहित याचिका पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में डालकर बताया था कि बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों के संचालन संबंधी मामले की शिकायत शिक्षा विभाग को देने के बावजूद इन्हें बंद नहीं करवाया गया। इस पर उच्च न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए सरकार को 15 फरवरी, 2018 को आदेश दिए थे कि फर्जी स्कूलों पर तत्परता से कार्रवाई करें लेकिन सरकार का फर्जी स्कूलों के प्रति ढुलमुल रवैया बना रहा। 

न्यायालय ने सरकार को फर्जी स्कूलों से संबंधित आंकड़े जुटाकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए 26 फरवरी, 2018, 23 मार्च, 2018 व 18 अप्रैल, 2018 को जवाब-तलब करते हुए मौका दिया था लेकिन सरकार ने कोई स्पष्ट नीति नहीं अपनाई। फिर न्यायालय ने 7 मई, 2018 को इस मामले की सुनवाई करते हुए सरकार को चेताते हुए फर्जी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने संबंधी अंतिम मौका दिया। बृजपाल का आरोप है कि शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारी फर्जी स्कूलों के साथ सांठ-गांठ कर उन्हें बचाने के प्रयासों में जुटे हैं।

 उनका यह भी आरोप है कि अधिकारियों को अनेक शिकायतें दीं लेकिन उन्होंने शिकायतों को पूरी तरह नहीं पढ़ा। अगर सरकार ने अगली सुनवाई 12 जुलाई, 2018 को न्यायालय में अपना रुख स्पष्ट नहीं किया तो उन्हें और मौका नहीं मिलेगा। न्यायालय सरकार को कड़ी फटकार के साथ-साथ जुर्माना भी ठोक सकता है।
 

Deepak Paul