17 माननीयों पर लंबित मामलों में हाई कोर्ट के तल्ख तेवर, रिपोर्ट 6 हफ्ते के भीतर सौंपने के निर्देश

11/18/2021 12:48:17 PM

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी):  हरियाणा में विधायकों,सांसदों के खिलाफ पेंडिंग 17 मामलों पंजाब और हरियाणा को माननीयों के खिलाफ लंबित मामलों की रिपोर्ट 6 हफ्ते के भीतर सौंपने के निर्देश हाईकोर्ट ने दिए हैं। विभिन्न एमपी एमएलए पूर्व एमपी पूर्व एमएलए के खिलाफ जहां सुप्रीम कोर्ट के तेवर सख्त है। वही हरियाणा एवं पंजाब हाई कोर्ट में एडवोकेट जनरल ऑफिस के द्वारा भी उन सभी मामलों का अध्ययन कर सूचियां बनवा चूका है |  जो हरियाणा के विभिन्न जिलों में विभिन्न माननीय लोगों के खिलाफ दर्ज है या उनकी जांच चल रही है। ए.जी कार्यालय हरियाणा ने इस मामले में माननीय पँजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट सबमिट कर दी है।

इसमे पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में वर्तमान में हरियाणा के अंदर पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला तथा हरियाणा पब्लिक सर्विस कमिशन के पूर्व चेयरमैन केसी बांगड़ के खिलाफ मुकदमा नंबर 20 दिनांक 18 अक्टूबर 2005 जो आईपीसी की धारा 420 467 468 471 120 बी तथा 13 ब्रैकेट में आई डी पीसी एक्ट के तहत विजिलेंस ब्यूरो हिसार में दर्ज है।

पूर्व विधायक भिवानी खेड़ा तथा एक्स चीफ पार्लिमेंट फैक्ट्री हरियाणा रामकिशन फौजी के खिलाफ पंचकूला स्टेट विजिलेंस ब्यूरो एफ आई आर नंबर 10 दिनांक 4 दिसंबर 2014 को अंडर सेक्शन 7/8 तथा पीसी एक्ट दर्ज यह केस अंडर इन्वेस्टिगेशन है जिसमें रामकिशन फौजी इन्वेस्टिगेशन ज्वाइन कर रहे हैं तथा उनके बयान दर्ज किए गए हैं। पूर्व मंत्री राव नरेंद्र सिंह के खिलाफ गुरुग्राम स्टेट विजिलेंस ब्यूरो मैं मुकदमा नंबर 3 दिनांक 29 जनवरी 2016 जोकि जीरे धारा 7/13(1)डी पीसी एक्ट के तहत दर्ज है। यह मामला भी अंडर इन्वेस्टिगेशन है। पूर्व विधायक बरवाला रामनिवास गैरोला के खिलाफ मुकदमा नंबर 7 दिनांक 29 जनवरी 2016 स्टेट विजिलेंस ब्यूरो हिसार में 7/13(1) डी के तहत दर्ज है जिसमें उन पर आरोप है कि उन्होंने सर्व शिक्षा अभियान प्रोजेक्ट की एक फाइल क्लियर करवाने के लिए पैसे की डिमांड की है।

हांसी के विधायक व पूर्व चीफ एनिमल फैक्ट्री विनोद बयाना के खिलाफ सीएलयू के नाम पर पैसे मांगने का एक मुकदमा नंबर 8 दिनांक 29 जनवरी 2016 जेरे धारा 7/8/13(1)डी पी सी एक्ट व 120 बी के तहत  हिसार विजिलेंस ब्यूरो के पास दर्ज है। जिसमें हरियाणा पंजाब हाई कोर्ट ने विनोद बयाना की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है तथा तू है पुलिस इन्वेस्टिगेशन भी ज्वाइन कर चुके हैं। रतिया के पूर्व विधायक जरनैल सिंह के खिलाफ मुकदमा नंबर 9 दिनांक 29 जनवरी 2016 जेरे धारा 7/13 (1)डी स्टेट विजिलेंस ब्यूरो हिसार में दर्ज है।

उकलाना के पूर्व विधायक नरेश सेल वाल के खिलाफ स्टेट विजिलेंस ब्यूरो हिसार में मुकदमा नंबर 10 29 जनवरी 2016 को धारा 7/13 (1) पी सी एक्ट के तहत दर्ज है यह केस अंडर इन्वेस्टिगेशन है। इसमें आरोप है कि सीएलयू के नाम पर पैसे मांगे गए हैं।

विभिन्न जिलों की अदालतों में विचाराधीन मामले
छछरौली के पूर्व विधायक रोशनलाल आर्य  के खिलाफ विशाल अग्रवाल नई दिल्ली वासी की शिकायत पर मुकदमा नंबर 216 जो कि 2016 में धारा 406 420 के तहत थाना शहर यमुनानगर में दर्ज हुआ यह मामला एविडेंस में चल रहा है। पूर्व विधायक सुखबीर कटारिया वास्ता 1 लोगों के खिलाफ गुरुग्राम में मुकदमा नंबर 478 दिनांक 11 जून 2014 467 420 471 468 120 बी के तहत सेक्टर 5 गुरुग्राम थाने में दर्ज हुआ था यह मामला अदालत में विचाराधीन है। ओम प्रकाश कटारिया की ही शिकायत पर पूर्व विधायक सुखबीर कटारिया वह 10 अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा नंबर 483 दिनांक 14 जून 2020 धारा 467 468 471 468 120 बी के तहत सेक्टर 5 गुरुग्राम में दर्ज है यह भी मामला अदालत में विचाराधीन है। सुखबीर कटारिया बचने के खिलाफ मुकदमा नंबर 261 दिनांक 6 मई 2015 धारा 467 420 467 468 120 बी के तहत सेक्टर 5 गुरुग्राम में दर्ज है उद्योग की अदालत में विचाराधीन है।

सुखबीर कटारिया के खिलाफ मुकदमा नंबर 262 दिनांक 6 मई 2015 धारा 467 420 471 468 120 बी के तहत सेक्टर 5 गुरुग्राम में दर्ज है। सुखबीर कटारिया के तथा 6 लोगों के खिलाफ हीरा सिंह की शिकायत पर मुकदमा नंबर 286 दिनांक 15 मई 2015 धारा 420 467 468 471 120 बी गुरुग्राम सेक्टर 5 पुलिस स्टेशन में दर्ज है। सुखबीर कटारिया पूर्व विधायक व खेलने के खिलाफ मुकदमा नंबर 296 दिनांक 20 मई 2015 धारा 420 467 468 471 120 बी के तहत दर्ज है। हीरा सिंह की शिकायत पर सुखबीर कटारिया व सात अन्य के खिलाफ मुकदमा नंबर 574 दिनांक 12 सितंबर 2015 धारा 467 420 120 471 आईपीसी के तहत गुरुग्राम के 5 सेक्टर थाने में दर्ज है। बीजेपी के पूर्व विधायक उमेश अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा नंबर 502 17 अक्टूबर 2019 धारा 31 एच पीडीपी एक्ट के तहत सेक्टर 5 गुरुग्राम के थाने में दर्ज है। जिसमें जुर्माने की अदायगी कर दी गई है । एमएलए राकेश दौलताबाद के खिलाफ मुकदमा नंबर 509 दिनांक 18 अक्टूबर 2019 धारा 31 एच पी डी पी एक्ट के तहत सेक्टर 5 गुरुग्राम थाने में मुकदमा दर्ज है जिसमें जुर्माने की अदायगी कर दी गई है।

सुखबीर कटारिया ममता व अन्य के खिलाफ मुकदमा नंबर 800  दिनांक 4 जुलाई 2015 धारा 420 467 468 471 के तहत दर्ज है जिसमें दोषियों ने इन्वेस्टिगेशन ज्वाइन की है। शिकायतकर्ता ओमप्रकाश की शिकायत पर सुखबीर कटारिया पवन दबाव सुदेश दवा अनीता शर्मा व अन्य के खिलाफ मुकदमा नंबर 900 बिंजा दिनांक 14 नवंबर 2013 धारा 420 467 468 471 120 बी के तहत पुलिस स्टेशन सिटी गुरुग्राम में दर्ज है। राकेश दौलताबाद विधायक के खिलाफ विधानसभा चुनाव 2019 में पोस्टर होल्डिंग को सरकारी प्रॉपर्टी पर लगाने के खिलाफ मुकदमा नंबर 659 दिनांक 17 अक्टूबर 2020 धारा तीन पीडीपीपी एक्ट के तहत पालम विहार थाने में दर्ज है जिसमें इन्वेस्टिगेशन ज्वाइन हो चुकी है।

कोर्ट पूरे देश में विधायक, सांसद एवं पूर्व विधायक, पूर्व सांसदों के खिलाफ केसों की स्पेशल मॉनिटरिंग कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाई कोर्ट को डायरेक्शन दी है कि नीचे की सभी कोर्ट में पेंडिंग इस प्रकार के केसों की मॉनिटरिंग खुद हाईकोर्ट की बेंच करें। सुप्रीम कोर्ट की डायरेक्शन पर हमारी हाईकोर्ट की भी एक स्पेशल बेंच मॉनिटरिंग करती है। एक रिट पिटिशन रजिस्टर्ड की गई है। उसकी मंथली हियरिंग होती है। जिसमें पंजाब- हरियाणा- चंडीगढ़ से जुड़े किसी भी प्रकार के हरियाणा सरकार के एडवोकेट जनरल  । केस बहुत ज्यादा होने के कारण हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की सुपरविजन के बावजूद देरी हो रही थी। इसलिए हाईकोर्ट ने स्पेशल दो बेंच बनाए।एक सिंगल बेंच जिसमें क्रिमिनल केस सुने जाएंगे। दूसरी डिवीजन बेंच जिसमें अन्य प्रकार के केसों की सुनवाई की जाएगी। यदि किसी कोर्ट द्वारा प्रोसिडिंग स्टे की गई है तो वह प्रोसीडिंग या तो वोकेट की जाएगी, अगर नहीं तो उसकी हियरिंग हाईकोर्ट डे-टु-डे करेगा। हमारे हाईकोर्ट में बहुत ज्यादा केस विधायक, पूर्व विधायक, सांसद, पूर्व सांसदों के खिलाफ पेंडिंग नहीं है। कुछ इन्वेस्टिगेशंस में केस हैं या कुछ नीचे की की कोर्ट में ट्रायल पर चल रहे हैं।

उनकी सुपरविजन हाई कोर्ट में हो रही है। उस नाते से कुछ लोगों द्वारा कुछ केसों में अपील किए जाने पर हाईकोर्ट केस को कंसीडर करने के बारे में विचार करती है। जो पॉइंट बेस कर रहे हैं। कई बार नीचे की कोर्ट में प्रोसिडिंग स्टे हो जाती है तो ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की डायरेक्शन के अनुसार ऐसे केसों की हियरिंग नीचे वाली कोर्ट में डे टुडे की जाएगी। इनके केसों के लिए स्पेशल प्रावधान किया गया है। एक स्पेशल बेंच बनाया गया है। जो डे टू डेट कैस सुने। चाहे सिंगल बेंच में केस हो या डिवीजन बेंच में। इन्वेस्टिगेशन केस तो पुलिस के पास ही रहते हैं। वह एडवोकेट जनरल के कार्यालय में नहीं आते। अगर उनमें से कोई केस हाई कोर्ट में पेंडिंग हो वह तभी होते हैं। क्योंकि नॉर्मल इन्वेस्टिगेशन करने के बाद चालान मजिस्ट्रेट के पास या सेशन कोर्ट में फाइल होना होता है और ज्यादातर केस वही पेंडिंग है। इसलिए एडवोकेट जनरल को डायरेक्शन नहीं दी गई। डायरेक्शन हाईकोर्ट को किसी भी कोर्ट में पेंडिंग केसों की मॉनिटरिंग के लिए दी गई है इस कारण से एजी ऑफिस भी डायरेक्टली इंवॉल्व हो जाता है।सीनियर पुलिस अधिकारी को भी कोर्ट की डायरेक्शन के मुताबिक हाजिर होने के लिए कहा जाता है। किस केस में क्या-क्या कार्यवाही हुई ? क्या स्टेज है ?पिछली डेटो से अगली डेट तक सारी डेवलपमेंट सामने रखनी होती है।
 

Content Writer

Isha