डेरों की जांच पर भड़का हाईकोर्ट, सरकार को सुनाई खरी-खरी(VIDEO)
2/6/2019 11:18:33 AM
चंडीगढ़(हांडा): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए वर्ष 2015 में पंजाब व हरियाणा सरकार को निर्देश दिए थे कि विशेष अधिकारियों की टीम बनाकर हरियाणा व पंजाब के सभी डेरों में जाकर अधिकारी जांच करें कि वहां का माहौल क्या है। इसकी रिपोर्ट कोर्ट में पूरे ब्यौरे के साथ पेश करने को कहा गया था लेकिन 2 वर्ष गुजरने के बाद भी सरकार की ओर से कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई। हाईकोर्ट द्वारा 2 वर्ष पहले दिए गए आदेश का पालन नहीं किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई, जिस पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को खरी-खरी सुनाई और टिप्पणी की कि अधिकारी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे, कमरों में बैठकर एक-दूसरे अधिकारी को फोन कर औपचारिकता पूरी कर रहे हैं। कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए सरकार को निर्देश दिए कि कोर्ट को बताया जाए कि गुजरे 2 वर्षों में कौन-कौन अधिकारी किस-किस डेरे में गया और वहां क्या पाया?
कोर्ट ने यह आदेश डेरों की जांच की मांग को लेकर रवनीत जोशी द्वारा दायर एक अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया कि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला सहित हरियाणा और पंजाब में हुए दंगों में तोड़-फोड़ व आगजनी और इस दौरान सरकारी तथा निजी संपत्ति को हुए नुक्सान को रोका जा सकता था, अगर दोनों राज्य सरकारें मई 2015 में हाईकोर्ट के उन आदेशों की पालना सही तरह से करतीं, जिसके तहत हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों के सभी डेरों की जांच करने के आदेश दिए थे। 25 अगस्त 2017 और उसके बाद हुई ङ्क्षहसा, तोड़-फोड़ और आगजनी सरकारी लापरवाही तथा हाईकोर्ट के आदेश को लागू नहीं किए जाने के चलते हुई। इस आरोप के साथ हाईकोर्ट में हरियाणा और पंजाब सरकार के खिलाफ अवमानना की याचिका दायर कर उन अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई है, जिन्होंने वर्ष 2015 के हाईकोर्ट के आदेश की पालना नहीं की।