हाईटेक हुआ लिंग जांच का गोरखधंधा, अब व्हाट्सएप पर बताया जाता है लड़का है या लड़की

2/1/2020 6:25:41 PM

यमुनानगर(सुमित)- यमुनानगर में प्लाईवुड फैक्ट्री के कर्मचारी भ्रूण लिंग जांच का धंधा कर रहे थे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शुक्रवार को प्लाईवुड फैक्ट्री के प्रोडक्शन इंचार्ज और मुंशी को गिरफ्तार किया है। इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड एक सड़क हादसे में घायल होने के चलते निजी अस्पताल में भर्ती है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक ये लोग 15 हजार रुपए में लिंग जांच कराते थे। सोशल मीडिया व्हाट्सऐप्प के जरिये गर्भवती महिलाओं से सौदेबाजी करने के बाद एक नामी अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग सेंटर में भेज देते थे। इन सभी के खिलाफ केस दर्ज कर थाना सिटी पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

आरोपियों की पहचान जम्मू कॉलोनी में रह रहे प्लाईवुड फैक्ट्री के प्रोडक्शन इंचार्ज कमल और बिहार के मोतिहारी जिले के गांव बृंगूबेरिया के कृष्णा के रूप में हुई है। पीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ. राजेश के मुताबिक उन्हें लिंग जांच गिरोह के बारे में सूचना मिली थी। एक महिला महिला ने बताया कि वह 3 माह की गर्भवती है। उसके पास 2 बेटियां हैं। उनके गांव के समानंद ने बताया कि वह उसके गर्भ में पल रहे भ्रूण की लिंग जांच करा देगा। वह जांच कराने के लिए तैयार हो गई। उसने 15 हजार रुपए मांगे। 10 हजार रुपए अल्ट्रासाउंड होने के बाद और 5 हजार रुपए रिपोर्ट के बाद देने थे। उसने इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दे दी।

समानंद ने शुक्रवार को उसे कमल के माध्यम से प्राइवेट अल्ट्रासाउंड पर बुलाया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसे 10 हजार रुपए दिए। समानंद द्वारा दी गई रेफर स्लीप को लेकर वह प्राइवेट अल्ट्रासाउंड केंद्र पर पहुंची। जहां पर एक हजार रुपए लेकर उसका अल्ट्रासाउंड किया गया। वहां पर कमल ने कहा कि उसका साथी कृष्णा आधे घंटे में रेलवे स्टेशन के पास मिलेगा। वह टीम के साथ वहां पर पहुंची तो वहां पर कृष्णा आया। उसने जैसे ही वहां पर 10 हजार रुपए जैसे ही उसने कृष्णा को दिए तो टीम ने उसे काबू कर लिया।

पीएनडीटी इंचार्ज डॉ. राजेश कुमार का कहना है कि ये लोग मेहता अल्ट्रासाउंड में भेजते थे। हाल में जिस महिला के जरिये पकड़ में आए हैं, उसका अल्ट्रासाउंड यहां से हुआ, लेेकिन सेंटर में सब नियम के हिसाब से मिला। वहां नहीं बताया कि गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की। वहीं आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे 10 हजार रुपए पहले ले लेते थे। 5 हजार रुपए बाद में लेते थे। अल्ट्रासाउंड कराने के बाद महिला का कोई वाॅट्सएप नंबर ले लेते थे। रात 10 बजे के बाद उसपर मैसेज भेजते थे कि रिपोर्ट में लड़का आया है या लड़की। हालांकि कहा जा रहा है कि आरोपी लोगों को गुमराह करते थे। उनके पास ऐसा तथ्य नहीं होता था कि रिपोर्ट में लड़का आया है या लड़की।

Isha