हिमाचल, उत्तराखंड में पैदा होने वाले फलों का अब हरियाणा में होने लगा उत्पादन, किसानों का बढ़ा रुझान

punjabkesari.in Tuesday, Aug 18, 2020 - 10:43 AM (IST)

चंडीगढ़(संजय): देश के अन्न का कटोरा भरने वाला हरियाणा अब बागवानी, मशरूम व सब्जियों की खेती में भी लम्बे डग भर रहा है। हरियाणा में न केवल आम, किन्नू, अमरुद, अंगूर, बब्बूकोशा, जामून, आंवला, खरबूजा, तरबूज की खेती हो रही है, बल्कि अब आलू बुखारा, स्ट्रॉबरी, चीकू, लीची, आडू जैसे फलों का भी उत्पादन बड़े पैमाने पर हो रहा है, जिनका उत्पादन पहले हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों में ही होता था और हरियाणा में इन फलों की बड़े पैमाने पर पैदावार को लेकर सोचा भी नहीं था।

गौरतलब है कि हरियाणा देश का प्रमुख गेहूं, धान व नरमा उत्पादक प्रदेश है। प्रदेश में करीब 35 लाख हैक्टेयर कृषि योग्य भूमि है। हर साल खरीफ सीजन में करीब 14 लाख हैक्टेयर में धान, 7 लाख हैक्टेयर में कॉटन, सवा 4 लाख हैक्टेयर में बाजरा, 11 हजार हैक्टेयर में मक्का, 48 हजार हैक्टेयर में ज्वार की काश्त होती है, जबकि रबी सीजन में 24 लाख हैक्टेयर में गेहूं, 5 लाख हैक्टेयर में सरसों के अलावा 50 हजार हैक्टेयर में जौं व 60 हजार हैक्टेयर में चने की काश्त की जाती है, पर अब पिछले करीब तीन दशक से किसानों का रुझान बड़े पैमाने पर सब्जियों की काश्त व बागवानी की ओर हो रहा है। हरियाणा गठन के समय 1966 में हरियाणा में बागवानी का रकबा 7,865 हैक्टेयर था, जबकि सब्जियों की काश्त 11,305 हैक्टेयर में की जा रही थी। अब बागवानी का रकबा 67,600 हैक्टेयर हो गया है जबकि 3.84 लाख हैक्टेयर में सब्जियों की काश्त की जा रही है। इसके अलावा अब फूल, मशरूम व मसालों की खेती भी हरियाणा के किसान करने लगे हैं। 

यह है स्थिति
इस समय हरियाणा में 67,165 हैक्टेयर में बागवानी, 4.43 लाख हैक्टेयर में सब्जियों, 5,962 हैक्टेयर में फूलों की खेती की जा रही है। इसके अलावा हरियाणा में हर साल 10 हजार मीट्रिक टन मशरूम का उत्पादन हो रहा है। करीब 9 हजार हैक्टेयर में मसालों की खेती भी की जा रही है। जिलावार बात करें तो सिरसा में सर्वाधिक 11,358 हैक्टेयर में जबकि चरखी दादरी में सबसे कम 17 हैक्टेयर में बागवानी की जा रही है। इसी प्रकार से सोनीपत में सर्वाधिक 51,414 हैक्टेयर में सब्जियां जबकि चरखी दादरी में सबसे कम 1964 हैक्टेयर में सब्जियों की काश्त की जा रही है।

दिल्ली व साऊथ तक है किन्नू की डिमांड
खास बात यह है कि बागवानी के क्षेत्र में अनेक इलाके अब अपने-आप में एक ब्रांड बन गए हैं। मसलन सिरसा, फतेहाबाद व हिसार सीट्रस जोन में आते हैं। सिरसा में करीब 11 हजार हैक्टेयर, फतेहाबाद में 3 हजार हैक्टेयर व हिसार में 4 हजार हैक्टेयर में किन्नू के बाग हैं। यहां के किन्नू की डिमांड दिल्ली, चंडीगढ़ के अलावा दक्षिण भारत में भी है। इसी प्रकार से यमुनानगर, पंचकूला व अम्बाला मैंगो बेल्ट के रूप में ख्यातिनाम हैं। यमुनानगर में 5800 हैक्टेयर में, अम्बाला में 1318 हैक्टेयर एवं पंचकूला में 680 हैक्टेयर में आम की बागवानी की जा रही है। यहां का आम हरियाणा के अलावा दिल्ली व अन्य इलाकों में सप्लाई होता है। सोनीपत व पानीपत जिला के किसान मशरूम के उत्पादन में नए आयाम रच रहे हैं। सोनीपत में हर साल करीब 4 हजार, जबकि पानीपत में 2 हजार मीट्रिक टन मशरूम का उत्पादन हो रहा है।


ऐसे बढ़ा रकबा (हैक्टेयर में)
साल        बागवानी        सब्जियां
1966-67    7865            11305
1970-71    12096            22958
1980-81    16220            47000
1989-90    26016            53000
2000-01    30715            133000
2011-12    47036            356709
2012-13    47536            360339
2013-14    50595            373170
2015-16    60915            410740
2016-17    60814            379203
2017-18    63085            446935
2018-19    67164            443598
2019-20    67600            384090

जिलावार बागवानी का रकबा (हैक्टेयर में)
जिला        बागवानी        
पंचकूला        1681
अम्बाला        2810
यमुनानगर    9075
कुरुक्षेत्र        1500
कैथल        627
करनाल        3525
पानीपत        1348
सोनीपत        4947
रोहतक        1249
झज्जर        2252
फरीदाबाद    858
नारनौल        2000
रेवाड़ी        793
गुरुग्राम        2867
भिवानी        3210
हिसार        4562
फतेहाबाद    3825
सिरसा        11358
जींद        1299
मेवात        4654
दादरी        17
कुल        67165
 


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