बेटी ने पत्र में लिखा अपना दर्द कृषि मंत्री ने तुरंत भेजी मदद

2/16/2017 4:25:06 PM

सिरसा (ललित पोपली):मैं मेरे दादा-दादी के पास रहती हूं, दादा को वेतन नहीं मिला और मेरी पढ़ाई प्रभावित हो रही है और वर्दी तक की दिक्कत है। यह दर्द भरी पक्तियां लिखी थीं प्रियंका ने। अपना दर्द एक कागज पर लिखते वक्त अपना पता या ठिकाना तो दूर अपने दादा-दादी का नाम तक नहीं लिखा। अपना ये पैगाम प्रियंका ने किसी तरह हरियाणा के कृषि मंत्री ओ.पी. धनखड़ के हाथों तक पहुंचा दिया। कृषि मंत्री के हाथ कागज आया तो उन्होंने तुरंत इस दर्द को महसूस किया और बिटिया की खोज करवाकर तुरंत 11 हजार की मदद भिजवाई। साथ ही महकमे को वेतन देने के भी आदेश दिए। मदद मिलने के बाद परिवार जहां प्रसन्न है वहीं वे कृषि मंत्री का आभार भी जताते हैं। कहते हैं कोई मंत्री इतना दयालु भी होता है, इसका सुखद एहसास उन्हें हुआ है। 

कागज के टुकड़े ने मंत्री को हिला दिया 
उल्लेखनीय है कि आम तौर पर छोटे बच्चे मंत्री को कागज देने नहीं आते, मगर सिरसा में एक छोटी बच्ची ने कागज दिया तो कृषि मंत्री के मन में यह बात कौंध गई। सिरसा में कार्यक्रम करने के बाद जैसे ही मंत्री गाड़ी में बैठे तो उन्होंने वह बच्ची वाला कागज मांगा। उस कागज पर लिखने वाली प्रियंका ने लिखा था उसके माता-पिता की बचपन में मृत्यु हो गई थी और वह अपने दादा-दादी के साथ रहती हूं। उसके दादा मत्स्य विभाग में है। मगर 9 महीने से वेतन नहीं मिला। इसलिए स्कूल में भूखे तक भी जाना पड़ता है। वर्दी तक के पैसे नहीं हैं। इन शब्दों ने मंत्री को अंदर तक हिला दिया।

मंत्री ने तुरंत उस लड़की को ढूंढने को कहा। चिट्ठी में लिखे इस क्लू से कि उसके दादा मत्स्य विभाग में हैं, मंत्री ने इसी से अधिकारियों के माध्यम से पता लगाया कि कौन व्यक्ति है जिसका वेतन नहीं मिला और परिवार मुश्किल में है। डी.एफ.ओ. के माध्यम से पता चला कि बलवंत सिंह नाम व्यक्ति मत्स्य विभाग में डेलीवेजिज पर काम करता है। इस परिवार का घर ढूंढा गया और मंत्री ओ.पी. धनखड़ ने तुरंत परिवार की इस बेटी को अपनी ओर से सुरेंद्र आर्य के माध्यम से 11 हजार की मदद भिजवाई। डी.एफ.ओ. को भी उनके घर भेजा। डी.एफ.ओ. को यह भी निर्देश दिए कि तत्काल प्रभाव से बलवंत सिंह का वेतन दिलवाएं।