जींद के बाद अब यहां के दलित भी अपनाएंगे बौद्ध धर्म(Video)

6/5/2018 4:43:45 PM

हिसार(विनोद सैनी): जींद में 120 दलितों द्वारा बौद्ध धर्म अपनाने के बाद हिसार के भाटला गांव के तीन सौ दलित समुदाय के परिवारों ने धर्म परिवर्तन करने का निर्णय लिया है। भाटला गांव में ब्राह्मण समुदाय के लोगों द्वारा दलितों के साथ अत्याचार किया जा रहा है। दलित लोगों को सरकार व पुलिस प्रशासन से किसी प्रकार से कोई सहयोग भी नहीं मिल रहा है। जिसको लेकर लोगों ने अपनी समस्या को लेकर उपायुक्त को ज्ञापन दिया है। भाटला के दलितों ने 29 जुलाई को बौध धर्म अपनाने का निर्णय लिया है। 

जयभगवान ने बताया कि ब्राह्मण समुदाय के लोगों का दलित परिवार के साथ विवाद हो गया था। इस मामले में पुलिस ने देरी से कार्रवाई करते हुए मुकदमे दर्ज किए थे। इसके बाद उक्त लोग समझौता करने के लिए दलितों पर दबाव डालते रहे परंतु उन्होंने ऐसा नहीं किया। जयभगवान ने बताया कि 2 जुलाई, 2017 को गांव में मुनादी करवा दी गई कि दलित परिवारों का गांव में सामाजिक बहिष्कार कर दिया है। जिसके कारण उन्हें गांव की दुकानों पर सामान नहीं मिल रहा है, पशुअों को चराने नहीं दिया जा रहा है। इतना ही नहीं नाई बाल नहीं काट रहे अौर न ही बिजली मिल रही है। आज वे सभी जिला उपायुक्त को अपना मांग पत्र देने के लिए हिसार पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि भाटला के 300 परिवारों ने बौध धर्म अपनाने का निर्णय लिया है अौर वे 29 जुलाई को धर्म परिवर्तन करेंगे।

भाटला के बलवान ने बताया कि वे अपनी समस्याओं को लेकर हरियाणा के मंत्री कृष्ण पंवार सहित जिले के प्रशासनिक पुलिस प्रशासन से मिल चुके हैं परंतु उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है। पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि गांव में उनका बहिष्कार किया जा रहा है इसलिए उन्होंने निर्णय लिया है कि गांव के तीन सौ परिवार धर्म परिवर्तन करेंगे।

अधिवक्ता रजत कलसन ने बताया कि पिछले वर्ष जुलाई महीने में दलितों का ब्राह्मणों के साथ पानी को लेकर विवाद हो गया था। इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी थी कि जुलाई महीनें में ग्रामीणों ने मुनादी करवा कर उनका बहिष्कार कर दिया। इस मामले की शिकायत पर पुलिस को दी थी परंतु कोई कार्यवाही नहीं की गई।  उन्होंने बताया कि इस मामले में उल्टे निर्दोष लोगों पर ही मुकदमें दर्ज कर दिए गए। इस मामले को लेकर सीएम को शिकायत दे चुके हैं परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई है।|

Nisha Bhardwaj