टिकरी बॉर्डर पर हिसार के किसान ने फंदा लगाकर दी जान, 2 पेज का सुसाइड नोट हुआ बरामद
3/8/2021 8:23:47 AM
बहादुरगढ़ : कृषि कानूनों के विरोध में लगातार चल रहे किसान आंदोलन में टिकरी बॉर्डर धरने में शामिल रहने वाले हिसार के एक किसान ने पेड़ से रस्सी के सहारे फंदा लगाकर जान दे दी। मृतक के पास से 2 पेज का सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें अपनी मौत का जिम्मेदार सरकार को ठहराया है। रोष स्वरूप आंदोलनरत किसानों ने घटनास्थल के नजदीक बाईपास पर ही जाम लगाकर सरकार के खिलाफ रोष जहिर किया।
हिसार जिले के गांव सिसाय का रहने वाला राजबीर आंदोलन की शुरुआत से ही जुड़ा हुआ था। पिछले 10 दिनों से टिकरी बॉर्डर पर ही था। शनिवार की रात वह अपने गांव के जत्थे से अलग हो गया और खेतों में जाकर पेड़ से रस्सी के सहारे फंदा लगा लिया। राजबीर के पास से मिले सुसाइड नोट में सरकार पर गुस्सा जाहिर करते हुए लिखा है कि यह सरकार खून मांगती है और मैं अपनी शहादत दे रहा हूं। मेरी शाहादत बेकार नहीं जानी चाहिए। चाहे मेरा शव सड़क पर ही रखना पड़े। इसमें लिखा हुआ है कि भगत सिंह ने देश के लिए जान दी थी और मैं किसानों के लिए जान दे रहा हूं। उन्होंने अपने गांव के किसानों से अपील करते हुए आगे लिखा कि वे अपना हक लेकर ही वापस जाएं। सुसाइड नोट में सांसद दीपेंद्र हुड्डा व विधायक बलराज कुंडू का भी जिक्र किया है। लिखा है भाई दीपेंद्र हुड्डा और बलराज कुंडू किसानों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। वहीं उसने लिखा है कि सारे भाईयों को आखिरी राम-राम कोई गलती हुई हो तो माफ करना।
दीपेन्द्र ने आंदोलनरत किसानों से आत्मबलिदान नहीं देने का किया आग्रह
राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों से आग्रह किया है कि वह आत्मबलिदान न दें। उन्होंने कहा है कि आत्मबलिदान या आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं है। अन्नदाता इस आंदोलन में आत्मबलिदान की आहूति न दें। यह आग्रह उन्होंने टिकरी बार्डर पर किसान राजबीर द्वारा आत्मबलिदान दिए जाने की घटना के बाद किया। उन्होंने कहा कि आंदोलन को 100 दिन पूरे हो चुके है और इन दिनों में करीब 300 कुर्बानियां किसानों द्वारा दी जा चुकी है।
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