वायदे के अनुसार न प्लाट मिला, न मकान, हिसार की ''गुड़िया'' के परिवार ने छोड़ा शहर

2/8/2018 10:18:01 AM

उकलाना(ब्यूरो): बीसों वर्ष पुराना घोंसला छोड़ने का दर्द कितना होता है यह आज उन परिवारों की आंखों में देखने को मिला जो 9 दिसंबर को दुष्कर्म व हत्या का शिकार हुई 6 वर्षीय मासूम को खो चुके हैं। पीड़ित परिवार के सदस्य व साथ की झोंपड़ियों में रह रहे 5 परिवार बुधवार सुबह 11 बजे उकलाना मंडी को अलविदा कर गए। 2 वाहनों में इनका सामान टोहाना ले जाया गया। ये लोग अब टोहाना की इनकी पैतृक सपेला बस्ती में रहेंगे। बुधवार सुबह जब ये परिवार वाहनों में अपना सामान लाद रहे थे, तब न तो कोई प्रशासन का पदाधिकारी वहां था और न ही इन परिवारों के संघर्ष की लड़ाई लड़ने का एलान करने वाले नेता। वहां थे तो बस वे पड़ोसी जो इनके हर दुख दर्द में 20 साल से साथ रह रहे थे। जहां पीड़ित परिवार के कुछ सदस्यों की आंखें नम थी, वहीं पड़ोस की महिलाएं भी सुबक रही थी। 

साहब, अब यहां से दिल भर गया...
मासूम के पिता ने उकलाना से जाने की जानकारी देते हुए बताया कि साहब, अब यहां से दिल भर गया था। जिसकी भूमि थी, वह भी खाली करने का दबाव बना रहा था, हम  थाना प्रभारी से मिले थे और उन्होंने भी मंजूरी दे दी थी। यह भी कहा कि हमें मात्र 4 लाख 12 हजार 500 रुपए की ही सरकारी अब तक मदद मिली हैं। न तो वायदे के अनुसार प्लाट मिला ना मकान, अब हम टोहाना सपेला बस्ती में अपने कुटुंब के साथ रहेंगे। उकलाना नगरपालिका में नौकरी के बारे में उनका कहना था कि हम पति-पत्नी दोनों बस से उकलाना आने -जाने का काम करेंगे, जब तक सरकार हमें टोहाना ट्रांसफर नहीं कर देती।

आधे-अधूरे वायदे ही पूरा कर पाया प्रशासन
उकलाना की झोंपड़ी में रहने वाली 6 वर्षीय मासूम बच्ची की दुष्कर्म की व हत्या की वारदात उपरांत सरकार की तरफ से पीड़ित परिवार को कई तरह का सरकारी योजनाओं का लाभ देने का एलान हुआ था लेकिन उनको उसका आधा-अधूरा लाभ ही प्रदान किया गया। हरियाणा घुमंतू जाति बोर्ड के चेयरमैन डा. बलवान सिंह ने नियम के मुताबिक पीड़ित परिवार का 14 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की थी, अतिरिक्त उपायुक्त ए.एस. मान ने पीड़ित परिवार के 2 सदस्यों को डी.सी. रेट पर नौकरी देने, 10 लाख की सरकारी सहायता देने एवं प्रभावित परिवार के लोगों को बी.पी.एल. स्कीम से 5 आवास देने का एलान किया था परंतु मृतका के मां-बाप को नगरपालिका में अस्थाई स्वीपर की नौकरी व चार लाख 12 हजार 500 रुपए की सहायता राशि ही प्रदान की गई।

धरे रह गए इन नेताओं के दिलासे
पीड़ित परिवार से भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला, विधायक डा. कमल गुप्ता, श्रीनिवास गोयल, सुनीता दुग्गल, ज्योति बैंदा ने मुलाकात कर मदद का भरोसा दिलाया था। भाजपा सांसद राजकुमार सैनी ने उनकी मदद के लिए सरकार पर दबाव डालने व इनैलो नेता दुष्यंत चौटाला ने संसद तक में मामला उठाने का भरोसा दिलाया था, राज्यसभा सांसद कुमारी शैलजा ने भी पीड़ित परिवार की मदद की बात कही थी लेकिन नेताओं के वायदे सिर्फ अखबारी ही साबित हुए। उकलाना संघर्ष समिति के संरक्षक एवं पूर्व विधायक नरेश सेलवाल ने आज के मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पीड़ित परिवार का पलायन दुखद हैं। सरकार अगर अपनी घोषणा के अनुसार वायदे पूरी करती और इनको मकान उपलब्ध करवाती तो ये परिवार उकलाना नहीं छोड़ते।