दंगा फैलाने का सिग्नल था हनीप्रीत का सूटकेस

11/30/2017 11:39:41 AM

चंडीगढ़(पांडेय):साध्वी यौन शोषण केस में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत ही पंचकूला हिंसा की अहम किरदार थी। हनीप्रीत की देखरेख में ही पंचकूला हिंसा की साजिश रची गई और 25 अगस्त को सी.बी.आई. कोर्ट में पेशी के दौरान हनीप्रीत के हाथ में सूटकेस दंगे की साजिश का एक हिस्सा था। यह खुलासा हरियाणा पुलिस की एस.आई.टी. ने अपने चार्जशीट में किया है। चार्जशीट के मुताबिक हनीप्रीत के हाथ में लाल बैग ही वह सिग्नल था जिसके जरिए डेरा प्रमुख को कथित तौर से भगाने का प्रयास और दंगे को अंतिम रूप दिया जाना था। इस सिग्नल के लिए राकेश नाम के व्यक्ति को जिम्मेदारी दी गई थी और फिर उसके आगे की कड़ी जोड़ी गई थी

चार्जशीट के अनुसार पंचकूला दंगे की साजिश 17 अगस्त को सिरसा डेरा में 45 सदस्यीय कमेटी के समक्ष रची गई थी, जिसमें हनीप्रीत भी शामिल थी। पंचकूला कोर्ट में पेश की गई 1200 पन्नों की चार्जशीट में पुलिस ने बताया कि 25 अगस्त को डेरा प्रमुख की पेशी से पहले पंचकूला में एकत्र हुई डेरे की साध-संगत के पीछे एक गहरी साजिश रची गई थी। 17 अगस्त की मीटिंग में यह तय हुआ था कि हरियाणा, पंजाब, यू.पी., राजस्थान और उत्तराखंड सहित सभी राज्यों की संगत पेशी से 2 दिन पहले पंचकूला पहुंच जानी चाहिए। यही नहीं, इन संगतों को डंडे, पत्थर, पैट्रोल और अन्य हथियार लेकर भी पहुंचने के आदेश दिए गए थे, ताकि भारत सरकार और हरियाणा सरकार पर दबाव बनाया जा सके

चार्जशीट के मुताबिक पंचकूला हिंसा के लिए करोड़ों रुपए की राशि भी भेजी गई और उसे संगत तक पहुंचाने को कहा गया। डेरे की संगत को इस तरह से उकसाया गया था कि यदि डेरा प्रमुख को किसी तरह की सजा दी जाती है तो उस समय उन्हें क्या काम करना है। डेरे की संगत को यह कहा गया था कि वह 2 दिन पहले पंचकूला पहुंचे और वहां पार्कों व सुरक्षित जगह पर बैठकर अपनी मौजूदगी दिखाएं। यही नहीं, पेशी के दिन कोर्ट परिसर के नजदीक रहने के लिए भी संगतों को कहा गया था। शायद यही कारण है कि डेरा प्रमुख को दोषी करार दिए जाने के बाद ही तुरंत प्रभाव से संगतों की ओर से आगजनी और जवाबी हमला किया गया।