जेल से बाहर आ सकती है राम रहीम की हनीप्रीत, बताई ये वजह

6/6/2018 4:56:38 PM

पंचकूला(उमंग): 25 अगस्त 2017 को साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला में भड़के दंगे के आरोप में हिरासत में ली गई हनीप्रीत ने सेशन कोर्ट में जमानत याचिका डाली थी। जिसपर बीते दिन मंगलवार को सुनवाई हुई और कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाने के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज दोबारा इस मामले में हुई बहस में कोर्ट ने अपना फैसला कल यानि 7 जून को फैसला सुनाने का निर्णय लिया है।

जमानत याचिका हनीप्रीत ने कही ये बात
हनीप्रीत ने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में यह दलील दी थी, उसे इस मामले में जबरन फंसाया जा रहा है, हिंसा में मेरा कोई रोल नहीं है। 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में जब हिंसा हो रही थी, तब मैं डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के साथ थी। डेरा प्रमुख को सजा होने के बाद मैं राम रहीम के साथ पंचकूला से सीधा सुनारिया जेल रोहतक चली गई।

याचिका में हनीप्रीत ने कहा, एफआईआर में मेरा नाम भी बाद में डाला गया और मुझे पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया, बल्कि मैं खुद 3 अक्तूबर 2017 को आत्मसमर्पण करने के लिए आ गई थी।

उसने दलील दी, जब इस एफआइआर नंबर 345 के अन्य 15 आरोपितों को जमानत मिल चुकी है, तो 245 दिन जेल में रहने के बाद मैं भी जमानत की हकदार हूं। इसलिए महिला होने के चलते मुझे रियायत दी जानी चाहिए।

हनीप्रीत के एडवोकेट ने लगाई गई जमानत याचिका में बहस करते हुए दलील दी थी कि हनीप्रीत को जबरन मामले में फंसाया जा रहा है। बता दें कि हनीप्रीत से पुलिस द्वारा ऐसी कोई रिकवरी नहीं की गई, जो हिंसा के लिए प्रयोग किया गया हो। उसका नाम भी एफआइआर में बाद जोड़ा गया था।

वहीं पंचकूला पुलिस ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि हनीप्रीत इस हिंसा और देशद्रोह की मुख्य षडयंत्रकर्ता है, जिससे बड़े स्तर पर जनता का नुकसान हुआ है। हिंसा में 40 लोगों की हत्याएं हुई हैं, जोकि इनके षड्यंत्र से हुई है। जिसका विरोध करते हुए बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि जब इन्हीं आरोपों में 15 लोगों को जमानत मिल चुकी है, तो हनीप्रीत को क्यों ना जमानत दी जाए?

फिलहाल कोर्ट ने अपना कल तक के लिए फैसला सुरक्षित रखा हुआ है। हनीप्रीत को जमानत मिलेगी या नहीं यह कल सात जून को आने वाले सेशन कोर्ट के फैसले पर निर्भर करता है।

Shivam