हनीट्रैप मामला : DSP का रीडर रहा सब इंस्पेक्टर गिरफ्तार, समझौते के लिए दबाव डालने का आरोप

5/16/2021 10:49:31 AM

पानीपत : करीब दो माह पूर्व हुए एक हनीट्रैप मामले में पशु अस्पताल के कंपाउंडर के परिवार पर समझौते लिए दबाव डालने के आरोपी सब इंस्पेक्टर को थाना शहर पुलिस ने अरैस्ट किया है। जिसे शनिवार को अदालत में पेश किया गया। जहां से उसे जमानत मिल गई है। आरोपी सब इंस्पेक्टर डीएसपी विजेन्द्र सिंह का रीडर रह चुका है वहीं पिछले साल पानीपत में आई एएसपी पूजा वशिष्ठ के रीडर के तौर पर भी कार्य कर चुका है। फिलहाल वह समालखा की चालान ब्रांच के इंचार्ज के पद पर कार्यरत है। आरोप है कि सब इंस्पेक्टर ने कंपाउंडर के परिवार को समझौता न करने की सूरत में अंजाम भुगतने की धमकी दी थी।

गौरतलब है कि थाना समालखा क्षेत्र के अंतर्गत गांव मनाना निवासी एक युवक ने थाना शहर पुलिस को दी शिकायत मेें बताया था कि वह समालखा के पशु अस्पताल में कंपाउंडर के पद पर कार्यरत है। उसकी ड्यूटी नाईट शिफ्ट में होती है। बीती 23 मार्च को उसके गांव का ही निवासी एक युवक प्रदीप एक महिला को साथ लेकर उसके अस्पताल में पहुंचा। पूछने पर युवक ने उसे अपनी रिश्तेदार बताया। युवक ने उसे चाय बनाने के लिए दूध लाने के बहाने बाहर भेज दिया। जब वह वापस लौटा तो महिला तथा प्रदीप आपत्तिजनक हालात में मिले, जिस पर उसने कड़ा एतराज जताया।

युवक का आरोप है कि प्रदीप ने उसे धमकी दी कि यदि उसने मामले के बारे में किसी को कुछ भी बताया तो वह उसके खिलाफ महिला से दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करवा देगा। इसी दौरान दो दिन बाद ही 25 मार्च को उसके घरवालों के पास एक फोन आया। जिसमें फोनकर्ता ने खुद को सब इंस्पेक्टर बताते हुए कहा कि एक महिला ने उसके खिलाफ शिकायत दी है। यदि वह केस निपटाना चाहता है तो आकर एक बार मिल ले। लेकिन वह समझौता करने के लिए नहीं गया बल्कि समालखा थाने पहुंचकर पूरे मामले की शिकायत पुलिस को दी।

दूसरी तरफ महिला ने भी उसके खिलाफ महिला थाना पुलिस में शिकायत देकर दुष्कर्म का केस दर्ज करवा दिया। महिला ने देसराज कॉलोनी पानीपत निवासी एक व्यक्ति के माध्यम से दुष्कर्म केस में समझौता करने के प्रयास भी तेज कर दिए। जिसके लिए उससे 5 लाख रुपए की मांग की गई। दोनों पक्षों द्वारा आपसी बातचीत के बात सौदा तीन लाख रुपए में तय हो गया तथा उसे पैसे देने के लिए लघु सचिवालय में 3 अप्रैल को बुलाया गया। इसी दौरान उसने थाना शहर पुलिस को मामले की सूचना दी तथा आरोपियों को रंगे हाथों पकड़वाने की योजना बनाई।

योजना के अनुसार जैसे ही तीन अप्रैल को महिला अपने साथ बिचौलिए नासिर को लेकर लघु सचिवालय पहुंची तो पुलिस टीम ने छापा मारकर नासिर को पैसे लेते हुए रंगे हाथों पकड़ जबकि महिला फरार होने में कामयाब हो गई। पुलिस ने अगले दिन महिला के प्रेमी प्रदीप को भी अरैस्ट कर लिया था। अब पुलिस की जांच उस एंगल पर जा रही थी कि आखिर 25 मार्च को कंपाउंडर के परिवार को फोन करके समझौते के लिए दबाव डालने वाला पुलिस कर्मी कौन है। पीड़ित परिवार द्वारा उपलब्ध करवाए गए फोन नम्बर के आधार पर जांच करते हुए थाना शहर पुलिस की टीम आरोपी पुलिस कर्मी तक पहुंचने में कामयाब रही। जिसकी पहचान चालान ब्रांच समालखा के इंचार्ज एसआई सिलक राम के तौर पर हुई। जिसे थाना शहर पुलिस ने अरैस्ट कर लिया तथा अदालत में पेश किया। जहां से उसे जमानत मिल गई है।

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Content Writer

Manisha rana