हुड्डा और तंवर के टकराव से कांग्रेस में फूट

5/15/2018 2:31:00 PM

चंडीगढ़:  हरियाणा प्रदेश कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है। पार्टी प्रमुख को लेकर हुड्डा और तंवर ग्रुप एक दुसरे के खिलाफ मैदान में डटे हुए है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का पार्टी में दबदबा है और वह फिर से पार्टी की कमान संभालने की तैयारियों में जुटे है।

दूसरी तरफ प्रदेश प्रधान अशोक तंवर इस पद के गवाना नहीं चाहते। हुड्डा और तंवर की लड़ाई से ये दिखाई देता है कि पार्टी के ये सेनापति बिना सेना के ही मैदान में उलझे हुए है। तंवर के प्रदेश अध्यक्ष बने 3 साल हो चुके है।

उन्होंने सारा समय अपनी कुर्सी बचाने में ही लगा दिया। हुड्डा विरोधियों की मदद लेकर ही तंवर अब तक अपने पद पर बने हुए है और अभी तक अपनी खुद की टाम को गठित नहीं कर पाए। वह जिला ब्लॉक अध्यक्ष भी नहीं बना पाए। हुड्डा का दबदबा होने के कारण ही तंवर कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहे।

प्रदेश कार्यकारिणी जिला अध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति न हो पाना तंवर की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह उठा रही है। तंवर प्रकोष्ठों में भले ही नियुक्ति कराने में सफल रहे हो लेकिन हुड्डा ने उन्हें मौका ही नहीं दिया। 

इसके विपरित एआईसीसी में अपने चहेतों को प्रवेश करा डाला। इन सूचियों को रूकवाने के लिए रातों-रात ही कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी को पार्टी के उच्च कमान की शरण में जाना पड़ा। उसके बाद ही सूचियों पर रोक लगी।

जब कार्यकारिणी पदाधिकारियों, जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष की सूचियों के बारे में पूछा जाता है तो तंवर को गुस्सा आ जाता है। राज्य में पार्टी को मबजूत बनाने और सभी को एक साथ लेकर चलने के लिए अब पार्टी उच्च कमान को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाना होगा।

हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी कमलनाथ को मध्यप्रदेश का कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया है। जिसके बाद अब राज्य के लिए नया प्रदेशाधिकारी नियुक्त किया जाएगा। उसके बाद ही पार्टी इस गठन को नया आकार दे पाएगी।

 

Rakhi Yadav