हुड्डा का CM खट्टर पर पलटवार, राजनीति छोड़ना चाहते हैं तो मंडियों का चक्कर लगा लें

10/30/2020 11:25:48 AM

गोहाना: अगर किसानों की एम.एस.पी. खत्म होने पर सी.एम. मनोहर लाल खट्टर राजनीति छोडऩा ही चाहते हैं तो वह एक बार प्रदेश की मंडियों का चक्कर लगा आएं और गांवों में किसानों से बात कर लें। गुरुवार को यह सलाह पूर्व सी.एम. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने दी। हुड्डा ने कहा कि किसान खुद बता देंगे कि आज उनकी कोई भी फसल एम.एस.पी. पर नहीं बिक रही है। किसान कई हफ्तों से मंडियों में धान और दूसरी फसलें लेकर पहुंच रहे हैं लेकिन उनकी ढंग से खरीद नहीं हो रही है। पहले नमी, रजिस्ट्रेशन और गेट पास के नाम पर किसानों को परेशान किया गया तथा अब भुगतान के लिए लंबा इंतजार करवाया जा रहा है। लचर सरकारी व्यवस्था से परेशान होकर मजबूरी में किसान औने-पौने दामों पर अपनी फसल प्राइवेट एजैंसी को बेच रहे हैं। निजी एजैंसियां किसानों की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें लूट रही हैं।

हुड्डा ने कहा कि सरकार ने किसानों को इन प्राइवेट एजैंसियों के हवाले करने के लिए ही 3 नए कृषि कानून लागू किए हैं। आज किसानों को अपनी धान 500 से 1000 रुपए कम रेट पर बेचनी पड़ रही है। कांग्रेस सरकार में 4000-5000 रुपए प्रति क्विंटल के रेट पर बिकने वाली 1509 धान अब 1700 से 2000 रुपए में बिक रही है। इसी तरह मक्का किसानों को भी प्रति क्विंटल 1000 से 1200 रुपए कम रेट मिला। यही हाल बाजरा और कपास का हुआ। साढ़े 5 हजार एम.एस.पी. वाली कपास किसानों से 4500 रुपए में खरीदी गई।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग सिर्फ बातों के ठग हैं, न ये किसान को एम.एस.पी. देने वाले हैं और न ही राजनीति छोडऩे वाले। मौजूदा सरकार की मंशा पूरी तरह किसान विरोधी है। आज ऐसा लग रहा है मानो सरकार किसानों को चौतरफा मारने में लगी है। हमारी सरकार में किसानों के लिए बनाई गई मंडी, एम.एस.पी., बोनस, सबसिडी, मुआवजा जैसी व्यवस्थाओं को मौजूदा सरकार ध्वस्त करने में लगी है।

Isha