पूर्व कांग्रेस सरकार पर चला 'मनोहर हंटर',हुड्डा करीबियों के 4 पैट्रोल पंप बंद

1/21/2017 6:58:51 PM

चंडीगढ़ (ब्यूरो):बीजेपी की मनोहर लाल सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर बड़ा वार किया है। हुड्डा के कार्यकाल में नियमों को ताक पर रखकर जारी किए गए 4 पैट्रोल पंपों के सी.एल.यू. रद्द करने के आदेश तो मुख्यमंत्री ने दिए हैं। साथ ही कानूनी प्रक्रिया भी अपनायी जा रही है। सी.एम. ने 31 जनवरी तक अधिकारियों से एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है। ये पैट्रोल पंप गुड़गांव में प्राइम लोकेशन पर हैं, लेकिन 220 केवी की हाई टेंशन तार के नीचे चल रहे हैं। ये हुड्डा के अति करीबियों के बताए जा रहे हैं। चर्चा है कि सी.एल.यू. देने वालों अधिकारियों की भूमिका पर भी जांच की जाएगी यानि इसमें शामिल अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। 

अधिकारियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई-खट्टर
ये पैट्रोल पंप शहर के सैक्टर-62 व 65 में मौजूद हैं। मुख्यमंत्री ने एक शिकायत के बाद इनकी जांच करवाई। अपने 4 जनवरी के एक आदेश में सी.एम. ने कहा कि जब एच.टी. लाइन पैट्रोल पंपों के ऊपर से जा रही है तो कैसे पैट्रोल पंप लगाने के लिए परमिशन दे दी गई? पैट्रोल पंप चालू करने से पहले जरूरी औपचारिकताओं के दस्तावेज व एन.ओ.सी. देने वाले विभागों के अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है।

ये पैट्रोल पंप होंगे बंद
1 पट्रोल पंप सेक्टर-65 में पड़ता है, जो रेणुका के नाम से है। इस पंप के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि इस पंप का अधिकतर क्षेत्र 220 केवी की एचटी लाइन के नीचे आता है। इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि इस पंप के काफी हिस्से में अवैध निर्माण है।
2 पैट्रोल पंप रमिंदर सिंधु का है। यह भी सेक्टर-65 में स्थित है। इसके बारे में कहा है कि इसका काफी हिस्सा एचटी लाइन के नीचे है और इस पंप का टायॅलेट ब्लॉक अवैध तौर पर बना हुआ है।
3 पैट्रोल पंप शालिनी कपांनल के नाम से है, जो सेक्टर-62 में स्थित है। इसके बारे में रिपोर्ट है कि इस पंप के काफी हिस्से के ऊपर से 220 केवी की एचटी लाइन गुजर रही है।
4 पैट्रोल पंप सैक्टर-62 में है, नवयुग फ्यूल के नाम के इस पंप के बारे में रिपोर्ट में लिखा है कि इस पंप के लिए सी.एल.यू. 2 नवंबर 2010 को दिया गया, बिल्डिंग प्लान 5 अगस्त 2011 को पास हुआ। संशोधित बिल्डिंग प्लान पुन: 30 दिसंबर 2011 को पास किया गया। इस पंप को चालू करने के लिए 2 फरवरी 2013 को सर्टिफिकेट जारी किया गया। जबकि, मौके से 28 सितंबर 2010 को साइट रिपोर्ट भेजी गई, उस समय यहां से कोई एचटी लाइन नहीं जा रही थी। इस पंप के लिए साइट रिपोर्ट पहले भेज दी गई, जबकि सी.एल.यू. बाद में दिया गया। इस पंप के बारे में कहा गया है कि इस पंप की ऑफिस बिल्डिंग जरूर 200 केवी की एचटी लाइन के नीचे आती है। इस पंप पर कुछ अवैध निर्माण भी हुआ है। ग्रीन बेल्ट में शॉप बनाने का भी सरकारी रिपोर्ट में जिक्र है।