हुड्डा को इग्नोर किया तो कांग्रेस को हो सकता है नुक्सान

8/23/2018 10:39:57 AM

अम्बाला(विशेष): प्रदेश में सरकार बनाने के लिए हर वर्ग-जाति के समर्थन की आवश्यकता होती है। सभी राजनीतिक दल प्रत्येक समाज के प्रत्येक तबके से मेल-जोल बना कर रखते हैं क्योंकि हरियाणा की राजनीति में जाति-वर्ग का विशेष स्थान है। प्रदेश के सभी पुराने राजनीतिक दल इस बात को भलि-भांति जानते हैं। भाजपा, इनैलो सरीखे सभी बड़े दल जाट और गैर-जाट मतदाताओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। 

भले ही गत चुनावों में भाजपा ने प्रदेश में गैर-जाट नेता को मुख्यमंत्री बनाया था परन्तु फिर भी वह जाटों में भी अपना जनाधार बनाने में लगी है। कांग्रेस में भी सभी जातियों के नेता शामिल हैं। प्रदेश में कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी किसी से छिपी नहीं है जिसके कारण वोटों के बंटने का खतरा भी है। आगामी विधानसभा चुनावों में अगर कांंग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को टिकट वितरण में सही तवज्जो नहीं दी गई तो इससे कांंग्रेस को फायदा होने की बजाय नुक्सान ही होगा। इसका कारण यह है कि इस समय प्रदेश में कांग्रेस के जितने विधायक हैं वे रोहतक, सोनीपत और झज्जर जिलों से ही हैं।

 उन विधायकों को 2014 के विधानसभा चुनावों में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के इशारे पर ही टिकट दिए गए थे। इस समय देखा जाए तो कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी अपनी चरम सीमा पर है। उदाहरण के तौर पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर जहां बिना किसी बड़े नेता को साथ लिए साइकिल यात्रा निकाल रहे हैं तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी अकेले ही जनक्रांति रथ यात्रा लेकर प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर जा रहे हैं। इसके अलावा रणदीप सिंह सुर्जेवाला भी हुड्डा और तंवर में से किसी को भी साथ लिए बगैर प्रदेश में जनसभाएं कर रहे हैं। इन सब में खास बात यह है कि कांग्रेस पार्टी के ये तीनों ही नेता आपस में किसी जनसभा या रैली का निमंत्रण नहीं दे रहे। 

तंवर के बयान कर रहे संशय पैदा 
भले ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा टिकट वितरण के बारे में अभी कुछ नहीं बोल रहे हों, लेकिन तंवर के बयान इस ओर इशारा कर रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनावों में उनके समर्थकों को ही ज्यादा टिकटें दिलवाई जाएंगी। अगर ऐसा हुआ और खासकर रोहतक, सोनीपत, जींद और झज्जर में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के चहेते उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिया गया तो इससे कांग्रेस पार्टी को नुक्सान होगा। इसका कारण यह है कि ये चारों जिले जाट बैल्ट से संबंधित हैं और भूपेंद्र सिंह हुड्डा की इन चारों जिलों में अच्छी-खासी पैठ बनी हुई है इसलिए इन चारों जिलों में कांग्रेस को तभी फायदा हो सकता है जब इन जिलों में हुड्डा समर्थकों को ज्यादा से ज्यादा टिकटें मिलें।

तंवर कह रहे मेहनत करने वालों को मिलेगा पार्टी का टिकट 
प्रदेश में साइकिल यात्रा निकाल रहे पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर जगह-जगह यह कह रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनावों में उस नेता या वर्कर को पार्टी का टिकट दिया जाएगा जो इस समय पार्टी के लिए मेहनत कर रहा है। यह बात वह हुड्डा के गढ़ माने जाने वाले रोहतक जिले में भी कह चुके हैं। उनका यह बयान दर्शाता है कि आगामी विधानसभा चुनावों में उनके इशारे पर ही कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी तय किए जाएंगे। वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा इस मामले में बिना कोई बात किए जनक्रांति रथयात्रा निकाल रहे हैं मगर उनके द्वारा एकला चलो की नीति यह दर्शाती है कि वह भी प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों में ज्यादा से ज्यादा अपने समर्थकों को ही पार्टी का टिकट दिलवाएंगे।

 

Deepak Paul